जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ( Madhya Pradesh High Court ) के अधिवक्ता मदन मोहन शकरगायें ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme court ) के समक्ष अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि राज्य के शासकीय सेवकों (STATE GOVERNMENT EMPLOYEE की सेवानिवृत्ति आयु ( Retirement of government servants Age ) घटाकर 55 वर्ष कर दी जाए। ऐसा इसलिए क्यों 60 और 62 वर्ष तक शासकीय सेवा में बने रहने के कारण बेरोजगार नौजवानों ( Unemployed youth ) की संख्या तेजी से बढ़ती चली जा रही है।
सीजेआई ( CJI ) ने इस तर्क को गंभीरता से लेते हुए याचिकाकर्ता को अपना प्रस्ताव प्रस्तुत करने स्वतंत्र कर दिया। इसके बाद बिना विलंब किए याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विस्तृत याचिका के रूप में अपना प्रस्ताव प्रस्तुत कर दिया। इसी के साथ उसे उम्मीद है कि अब सुप्रीम कोर्ट सकारात्मक आदेश पारित करेगा।
रिटायरमेंट एज क्यों बढ़ाती जा रही है सरकार / Retirement Age Why is the government going to increase?
मध्यप्रदेश में कर्मचारियों का एक बड़ा समूह रिटायमेंट की स्थिति में आ गया है लेकिन सरकार के पास इतना पैसा नहीं है जिससे सरकार कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के समय मिलने वाले वित्तीय लाभ दे सके, इसी के चलते सरकार लगातार रिटायरमेंट एज बढ़ाती जा रही है। इधर बेरोजगारों का कहना है कि यह उनके अधिकारों का हनन है।
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