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शादी के सीजन पर नोटबंदी की मार, दूल्हे राजा को कहीं मिला मैनेजर से तोहफा तो कहीं इंतजार

मंथन न्यूज़ –देव उठनी ग्यारस के बाद शादी का सीजन शुरू हो गया है लेकिन नोटबंदी की मार ने उन परिवारों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं, जहां कुछ ही दिनों में विवाह आयोजन होना है.

सरकार ने भले ही विशेष रियायत देते हुए शादी वाले परिवारों को ढाई लाख रुपए की राशि निकालने की इजाजत दे दी हो, लेकिन बैंक से इस रकम को हासिल करने के लिए भी लोगों को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है.
शादी के सीजन पर नोटबंदी की मार, दूल्हे राजा को कहीं मिला मैनेजर से तोहफा तो कहीं इंतजार
मध्य प्रदेश में भी कुछ ऐसे ही मामले सामने आए हैं, जहां दुल्हन से लेकर दूल्हे राजा को खुद लाइन में लग कर अपनी शादी के लिए पैसे निकलवाना पड़ रहे हैं. किसी को इस राशि को पाने में सफलता मिल चुकी है तो किसी को अब तक इंतजार ही करना पड़ रहा है.
शादी से पहले मैनेजर का तोहफा
मंडला जिला निवासी पंकज ठाकुर की 23 नवंबर को शादी है, लेकिन नोटबंदी के कारण उन्हें भी पैसों की समस्या आ रही है. सरकार के ढाई लाख रुपए तक रकम निकालने की रियायत मिलने के बाद वो भी अपना शादी का कार्ड लेकर बैंक पहुंच गए.
नैनपुर स्टेट बैंक आफ इंडिया शाखा के बाहर लाइन में दूल्हे राजा के खड़े होने की बात जब बैंक मैनेजर को मालूम हुई तो उन्होंने तुरंत पंकज को अंदर बुलाया और उनसे बात की.
alirajpur groom bank
पंकज ने मैनेजर को बताया कि शादी की लगभग सारी तैयारियां हो चुकी हैं, लेकिन उन्हें अभी 60 हजार की और जरूरत है. दूल्हे की इस परेशानी को समझते हुए बैंक मैनेजर ने सारी कागजी कार्रवाई पूरी की और खुद अपने हाथों राशि सौंपी, जिसके बाद पंकज खुशी-खुशी घर लौट गए.

हर कोई इतना खुशकिस्मत नहीं
पंकज को ज्यादा इंतजार किए बगैर ही राशि मिल गई, लेकिन हर दूल्हा-दुल्हन इतने खुशकिस्मत नहीं हैं. अलीराजपुर जिले में एक परिवार में भाई और बहन दोनों की ही शादी होनी है पर घंटों तक लाइन में लगने के बावजूद उन्हें राशि पाने में सफलता नहीं मिल सकी.
दूल्हे अजय प्रजापति ने बताया कि उसकी और छोटी बहन की शादी एक ही तारीख को होनी है. घर में दो-दो शादी हैं, लेकिन नोटबंदी से पैसों की समस्या खड़ी हो गई है. सरकार के शादी वाले घरों को खाते में से ढाई लाख रुपए तक निकाल पाने की सुविधा दिए जाने के बाद वो बैंक ऑफ बड़ौदा पहुंचे.
अजय की मानें तो वो और उसकी बहन घंटों तक लाइन में लगे रहे, जिसके बाद बैंक मैनेजर से मुलाकात हो सकी, पर उन्होंने ज्यादा राशि देने से ये कहते हुए इनकार कर दिया कि उन्हें अभी सरकार के नए फैसले के संबंध में कोई आदेश नहीं मिले हैं. ऐसे में अजय और उनकी बहन को सिर्फ 10 हजार की राशि लेकर ही लौटना पड़ा.
अजय के पिता की मानें तो उन्हें अब सब काम छोड़कर बाकी की राशि पाने के लिए फिर सेे बैंक की लाइन में लगकर इंतजार करना पड़ेगा.
                                                            पूनम पुरोहित 

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