भोपाल। कांग्रेस महासचिव एवं सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इमरती देवी को मंत्री तो बनवा दिया, लेकिन वो आए दिन सिंधिया के नाम पर सवाल उठवातीं रहतीं हैं। शिवपुरी में आज एक साथ 2 मामले हुए। एक तो गजब ही था। महिला बाल विकास विभाग की मंत्री को पता तक नहीं था कि उनके विभाग द्वारा संचालित एक योजना का नाम क्या है।
हुआ यूं कि महिला बाल विकास विभाग इमरती देवी शिवपुरी दौरे पर थीं। यहां मीडिया की ओर से सवाल पूछा गया कि ‘शौर्या दल’ के लोगों को अब तक 1 रुपया भी मानदेय नहीं दिया गया है। इसके अलावा कुछ नई शर्तें भी रखीं जा रहीं हैं जो उनके लिए परेशानी बन रहीं हैं। मंत्री इमरती देवी ने ध्यानपूर्वक सारी बात सुनी और फिर बोलीं ‘शौर्या दल विभाग हमारे विभाग में नहीं आता।’
मंत्री महोदया, शौया दल विभाग नहीं योजना है
कोई मंत्री महोदया को समझाओ कि शौर्या दल कोई विभाग है ही नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण के लिए महिला बाल विकास विभाग द्वारा चलाई जा रही सरकारी योजना है। मजेदार बात तो यह है कि जिस जगह पर खड़े होकर मंत्री महोदय, यह बयान दे रहीं थीं वहीं किनारे शौर्या दल के 2 बैनर्स लगे थे, जिनमें सीएम कमलनाथ, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और खुद मंत्री महोदया के फोटो भी थे। याद दिला दें कि इमरती देवी मंत्री पद की शपथ लयबद्ध नहीं पढ़ पाईं थीं। 26 जनवरी 2019 को मंच से मुख्यमंत्री का संदेश वाचन भी नहीं कर पाईं थीं।
पढ़िए क्या काम है शौर्या दल का शौर्या दल का मुख्य उद्देश्य महिला व बच्चों से संबंधी मुद्दों पर जन-सामान्य को संवेदनशील बनाने के साथ उनके विरुद्ध हिंसा में कमी लाना और समाज को जागरूक करना है। इसके साथ ही सामाजिक कुरीतियों जैसे बाल विवाह, दहेज प्रथा और लैंगिक भेदभाव को कम करना है। महिलाओं व बालिकाओं से संबंधित अधिकारों के बारे में समाज को जागरूक करना और उनकी सहभागिता से हिंसा संबंधी मुद्दों का निराकरण करवाना है। सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ महिलाओं और बालिकाओं को मिले इसके लिए प्रयास करना है।