भोपाल में मुख्यमंत्री निवास में देर रात तक चली विधायक दल की बैठक।
भोपाल। पंद्रहवीं विधानसभा के दूसरे सत्र की पूर्व संध्या पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक में ज्यादातर विधायकों ने मांग की कि उनके क्षेत्र में उनकी सहमति के बिना तबादले नहीं किए जाएं। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस मांग पर मंत्रियों को हिदायत दी कि संबंधित क्षेत्र के विधायक से पूछे बिना कोई भी तबादला नहीं किया जाए। ऐसे तबादले निरस्त किए जाएंगे। यह मुद्दा तब उठा, जब सीएम ने लोकसभा चुनाव जिताने की बात कही। एक विधायक ने कहा कि हम कैसे जिताएंगे, तबादलों में उनकी सहमति तक नहीं ली जा रही।
मुख्यमंत्री निवास में रविवार की रात रात दस बजे तक चली बैठक में 106 विधायक पहुंचे। मंत्री बाला बच्चन व महेंद्र सिंह सिसौदिया, सिद्धार्थ कुशवाह और टामलाल सहारे सहित सात विधायक बैठक में व्यक्तिगत कारणों से नहीं पहुंचे। सूत्रों के मुताबिक बैठक में सदन विपक्ष के आरोपों से सरकार को घेरने से बचाने के लिए रणनीति पर चर्चा हुई। कुछ विधायकों को विभागवार जिम्मेदारी दी गई। मुख्यमंत्री ने विधानसभा के सभी सदस्यों को रोजाना सदन में उपस्थित रहने की हिदायत दी और कहा कि ऐसी परंपरा बनाकर रखी जाए।
सूत्रों के मुताबिक विधायक पाचीलाल मेढ़ा ने जनअभियान परिषद की जगह प्रस्तावित ग्राम युवा शक्ति योजना को लेकर सुझाव रखा। उन्होंने कहा कि इसमें हायर सेकंडरी तक की शिक्षा की अनिवार्यता की शर्त में आदिवासी ग्रामीण क्षेत्रों के लिए छूट दी जाए। ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्र में हायर सेकंडरी तक शिक्षा प्राप्त युवाओं की संख्या कम होने से योजना का ज्यादा लोगों को लाभ नहीं मिलेगा। मेढ़ा के इस सुझाव का लोगों ने समर्थन किया और सीएम ने भी इसके आधार पर योजना तैयार करने का आश्वासन दिया।
बैठक में क्या हुआ
– ट्रांसफर क्षेत्रीय विधायक की सहमति के बिना नहीं हों।
– भाजपा सरकार के समय कर्जमाफी घोटाले की जांच कराई जाए।
– बड़वानी में विदेशी जमात के मामले में नोटिस दिए जाने पर अल्पसंख्यक में रोष होने की बात उठी।
– फसल खरीदी में पंजीयन की अनिवार्यता को समाप्त करने की मांग उठाई गई।
भोपाल में कांग्रेस विधायकों ने कहा – कैसे जिताएं लोकसभा चुनाव, तबादलों में नहीं ले रहे सहमति
भोपाल में कांग्रेस विधायकों ने कहा – कैसे जिताएं लोकसभा चुनाव, तबादलों में नहीं ले रहे सहमति