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भाजपा नहीं बसपा के एक विधायक के सामने 'खामोश' है कांग्रेस का ये 'चाणक्य'

बसपा विधायक लगातार सरकार के ऊपर मंत्री बनाने का दबाव बना रही हैं।

मध्यप्रदेश में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है।

कमलनाथ को कांग्रेस का चाणक्य कहा जाता है।

भोपाल. कर्नाटक में जेडीएस-कांग्रेस की सरकार गिरने के बाद मध्यप्रदेश की सियासत में अटकलें तेज हो गई हैं। भाजपा के नेता लगातार दावा कर रहे हैं कि कमलनाथ की सरकार गिर जाएगी। लेकिन इन सबके बीट मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ  की दिक्कत भाजपा नहीं बल्कि बसपा की एक विधायक बनी हुई हैं।   बसपा विधायक रामबाई  की मंत्री बनने की लगातार मांग ने कमलनाथ सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। कमल नाथ को कांग्रेस का चाणक्य कहा जाता है। इस नेता ने पार्टी के युवा और अनुभवी नेताओं को एक मंच पर लाकर 15 साल बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाई है।

 

रामबाई बढ़ा रही हैं मुश्किलें
 मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की एक विधायक के सामने कांग्रेस  के चाणक्य बेबस नजर आ रहे हैं। मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार को समर्थन दे रही बसपा विधायक रामबाई सरकार की किरकिरी कराने में लगी हैं। उनकी कार्यशैली सरकार को कटघरे में खड़ा कर देती है। उसके बाद भी कमलनाथ रामबाई के खिलाफ कोई सख्त एक्शन नहीं ले पाते हैं।
 
हत्या के आरोपी है विधायक पति
रामबाई ने अपने परिवार को हत्याकांड में फंसाए जाने का मामला उठाते हुए कहा कि जब इस सरकार में उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है तो किसे न्याय मिल रहा होगा? वे अपने पति गोविंद को लेकर विधानसभा परिसर में पहुंच गईं। जबकि दमोह के कांग्रेस नेता देवेन्द्र चौरासिया हत्या कांड में विधायक रामबाई का पति आरोपी है। पुलिस ने उसके खिलाफ 25 हजार रुपए का ईनाम भी घोषित किया था। लेकिन बाद में ईनामी आरोपी की लिस्ट से उसे बाहर कर दिया गया था। कहा गया कि विधायक रामबाई का पति निगरानी शुदा आरोपी है वो कहीं भी आ और जा सकता है।
 
मंत्री बनने की मांग
रामबाई कई बार मीडिया के सामने मंत्री बनने की इच्छा जाहिर कर चुकी हैं। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि इस सरकार में मुझे मंत्री तो बनना ही पड़ेगा। कमलनाथ ने उनके इस बयान पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं की थी। वो लगातार मंत्री बनने की मांग कर रही हैं। वहीं, उन्होंने हाल ही में ये भी कहा था कि मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार खतरे में है।
 
बंगले में जड़ दिया था ताला
विधायक रामबाई की ने 74 बंगला स्थित बी-12 नंबर के सरकारी बंगले पर जबरन ताला जड़ दिया। यह बंगला पहले मंत्री कमलेश्वर पटेल को, फिर प्रदीप जायसवाल को आवंटित किया था। पीड्ब्ल्यूडी ने ताला तोडकऱ बंगला कब्जे में ले लिया। वो इस बंगले की मांग कर रहीं थीं। रामबाई ने दावा किया था कि बंगले पर ताला खुद की मर्जी से नहीं लगया। मुख्यमंत्री कमलनाथ, स्पीकर एनपी प्रजापति और पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के कहने पर बंगले पर ताला लगाया था। उन्हें मंत्री वर्मा ने कहा था कि वे बी-12 में अपना ताला लगा लें।

 
25 जनवरी का दिया था टाइम
रामबाई ने 25 जनवरी,2019 तक का वक्त कमलनाथ सरकार को दिया था उन्होंने कहा था कि उन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली तो कुछ भी निर्णय लिया जा सकता है। उन्होंने कहा, हमारा समर्थन पहले कांग्रेस को है। यदि वह हमें ठुकराने की कोशिश करेगी तो समर्थन वापस ले सकते हैं।
मध्यप्रदेश में क्यों खतरे में है कमलनाथ सरकार 
230 विधानसभा सीटों वाले मध्यप्रदेश में किसी भी पार्टी के पास बहुमत नहीं है। मध्यप्रदेश में बहुमत के लिए 116 सीटों की जरूरत होती है। जबकि सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस के पास 114 विधायक है। कांग्रेस ने बसपा, सपा और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई है। वहीं, बीजेपी के पास 109 विधायक थे, लेकिन हाल ही में रतलाम-झाबुआ सीट से सांसद बनने के बाद स्थानीय बीजेपी विधायक जीएस डामोर ने इस्तीफा दे दिया है। जिसके बाद अब बीजेपी के पास 108 विधायक हैं। 4 निर्दलीय विधायक हैं, 2 विधायक बसपा और एक विधायक समाजवादी पार्टी का है।

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