केंद्र सरकार लोकसभा चुनाव से पहले केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में इजाफा कर सकती है। दरअसल केंद्रीय कर्मचारियों की मांग है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक बढ़ाया गया वेतन कम है। इसलिए वह मांग कर रहे हैं कि उनकी न्यूनतम सैलरी को 18,000 रुपए महीने से बढ़ाकर 26 हजार रुपए महीने कर दिया जाए। इसके अलावा फिटमेंट फेक्टर को भी बढ़ाकर 3.68 गुना कर दिया जाए। केंद्र सरकार अब एम्पलॉयी पेंशन स्कीम के तहत पेंशन को डबल करने जा रही है। मतलब पेंशन 2,000 रुपए महीने हो जाएगी।
सरकार कर्मचारी पेंशन योजना के तहत न्यूनतम पेंशन को दोगुना करके 2,000 रुपये प्रति माह करने पर विचार कर रही है, इससे 40 लाख से अधिक कर्मचारियों को फायदा होगा। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के मेंबर अपने आप पेंशन स्कीम के मेंबर बन जाते हैं। एक हाई लेवल लेबर समिति ने पेंशन बढ़ाने का प्रस्ताव रखा। समिति के दो मेंबर्स ने इकोनॉमिक टाइम्स को बताया कि वित्त मंत्रालय द्वारा प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
सरकार सालाना 9,000 करोड़ रुपये एंप्लॉयी पेंशन स्कीम पर खर्च करती है। अगर इस प्रपोजल को स्वीकार किया जाता है तो यह आंकड़ा बढ़कर करीब 12,000 करोड़ रुपये हो जाएगा। सूत्रों की माने तो ‘मौजूदा फंड से अधिक पेंशन का बोझ उठाना संभव नहीं होगा। यह वित्त मंत्रालय को तय करना है कि सरकार यह खर्च उठाने के लिए तैयार है या नहीं।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि श्रम मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव के तहत पिछले साल गठित समिति को कर्मचारियों की पेंशन योजना का मूल्यांकन और समीक्षा करने के लिए कहा गया था। उपर्युक्त समिति के अन्य सदस्य ने कहा कि यदि वे उच्च पेंशन का लाभ उठाना चाहते हैं तो वित्त मंत्रालय लाभार्थियों को सेवानिवृत्ति की उम्र तक उनकी भविष्य निधि किटी के पेंशन भाग को निकालने से रोक सकता है। यह शर्त है कि ग्राहक समय से पहले राशि नहीं निकाल सकते हैं, “इस अवधि में, हमें इस योजना को बनाए रखने के लिए पर्याप्त धनराशि देनी चाहिए।”