अब वह माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) के चक्कर काट रही है, लेकिन अब अधिकारी जन्मतिथि सुधारने से मना कर रहे हैं
भोपाल। खंडवा के एक सरकारी स्कूल की अध्यापिका की 10वीं व 12वीं की अंकसूची में अलग-अलग जन्मतिथि है। इस कारण उनका सर्विस रिकॉर्ड अपडेट नहीं हो रहा। इससे उनका राज्य स्कूल शिक्षा विभाग में संवलियिन अटक गया है। अब वह माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) के चक्कर काट रही है, लेकिन अब अधिकारी जन्मतिथि सुधारने से मना कर रहे हैं।
अध्यापिका इजरत परवीन अली अंकसूची की गलती सुधारने के लिए पति व बच्ची के साथ मंगलवार को माशिमं पहुंची थी। जहां पर उन्होंने अपनी परेशानी बताई तो अधिकारियों ने इसे सुधारने से मना कर कर हवाला दिया कि नियमानुसार अंकसूची में तीन साल तक सुधार हो सकता है इसके बाद हाईकोर्ट के निर्देश पर ही कुछ किया जा सकता है। इजरत कहती हैं कि स्कूल से छुट्टी लेकर कई बार माशिमं का चक्कर लगा चुकी हूं, लेकिन अब सुधार होने से इंकार कर रहे हैं। अध्यापिका की नियुक्ति जनपद पंचायत से 1998 में हुई थी। इसके बाद भी 20 सालों में कभी भी कोई परेशानी नहीं हुई, लेकिन अब संविलियिन करने के लिए उनका सर्विस रिकॉर्ड अपडेट नहीं हो रहा है।
विभाग की गलती का खामियाजा
अध्यापिका का कहना है कि विभाग और स्कूल की गलती का खामियाजा अब उन्हें भुगतना पड़ रहा है। इतने सालों में अभी तक किसी ने ध्यान नहीं दिया। अब संविलियन में परेशानी हो रही है, लेकिन बोर्ड अब जन्मतिथि में हुई गलती सुधारने से इंकार कर रहा है। अब मेरी नौकरी पर बन आई है।
इनका कहना है
बोर्ड का नियम है कि तीन साल बाद जन्मतिथि में सुधार नहीं हो सकता है। इसके लिए हाईकोर्ट से उन्हें अनुमति लेनी होगी- एसके चौरसिया, पीआरओ, माशिमं
Check Also
लाडली बहना योजना: सरकार ने दी स्पष्टता, नहीं बढ़ेगी राशि ₹3000
🔊 Listen to this Jan 8, 2025 at 08:29 लाडली बहना योजना: सरकार ने दी …