
15 साल में राजनीतिक दुर्भावना से…
भोपाल। मध्यप्रदेश में करीब 15 साल बाद सत्ता में काबिज हुई कांग्रेस तकरीबन हर रोज अपने वचन पत्र को लेकर हर रोज कदम उठाती दिख रही है। वहीं सरकार के मंत्रियों का भी कहना है कि हमारी प्राथमिकता कांग्रेस का वचन पत्र है।
इन्हीं सब के बीच जानकारी आ रही है कि अब झूठे केसों में फंसे अपने लोगों को मजबूत करने के लिए कांग्रेस सरकार 15 साल में राजनीतिक दुर्भावना से दर्ज किए गए प्रकरणों को अदालत से वापस लेगी।
मंत्री पीसी शर्मा पर 43 हैं केस…
भोपाल में ऐसे राजनीतिक द्वेष वाले 308 प्रकरण कांग्रेस सरकार ने फिलहाल निकालें हैं। इसके अलावा हर जिले में प्रकरणों की संख्या अब जानी जाएगी। जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा पर ही भोपाल में 43 ऐसे धरना प्रदर्शन के प्रकरण चल रहे हैं।
प्रकरणों की वापसी के लिए कलेक्टर एसपी और लोक अभियोजन अधिकारी की जिला स्तरीय कमेटी बनेगी, जो आवेदन के आधार पर अनुशंसा करेगी।
जिसमें राज्य स्तर पर डीजीपी, गृह सचिव और सरकारी वकील की कमेटी जिलों से आने वाली अनुशंसा पर अपनी रिपोर्ट देगी। इसके बाद विधि विभाग के निर्णय के आधार पर अदालत में केस वापसी के लिए अपील की जाएगी।
कमलनाथ कैबिनेट बैठक के बाद जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा और उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने गुरुवार को इस फैसले की बात कही। उन्होंने बताया कि भाजपा सरकार ने दुर्भावनावश कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर हजारों झूठे राजनीतिक प्रकरण दर्ज किए हैं।
ऐसे में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने निर्देश दिए हैं कि किसी भी पार्टी के खिलाफ राजनीतिक द्वेष और झूठे प्रकरण दर्ज की गए हैं, तो उनको वापस जाएगा। शर्मा ने बताया कि गृह विभाग इसकी मॉनिटरिंग करेगा।
कलेक्टर होंगे कर्जमाफी पर जवाबदेह
मंत्री पटवारी ने कहा कि कर्जमाफी में पूरी तरह से कलेक्टर जवाबदेह होंगे। यदि कहीं पर गड़बड़ी आती है, तो उसे तुरंत दुरुस्त करने की जिम्मेदारी कलेक्टर को दी गई है।
यदि कहीं फर्जी कर्जमाफी या फर्जी किसानों के प्रकरण आते हैं, तो भी कलेक्टर को तुरंत कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। कुछ जिलों में इस तरह की शिकायतें आई थीं, जिसके बाद इस तरह कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक 90 से 93 फीसदी तक किसानों का डाटा पोर्टल पर आ गया है।