नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल की 2019 में पहली बैठक वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई। इस बैठक में व्यापारियों को लेकर कई फैसले किए गए। इसमें सबसे अहम फैसला कंपोजिशन स्कीम को लेकर है।
बैठक के बाद फैसले की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कंपोजीशन स्कीम को लेकर तीन बड़े फैसले लिए गए हैं। काउंसिल ने इसके तहत आने वाले व्यापारियों की सीमा 1 करोड़ से बढ़ाकर 1.5 करोड़ करने का फैसला किया है। इसके अलावा इनको साल में अब केवल एक बार ही रिटर्न फाइल करना होगा।
वहीं सर्विस सेक्टर में काम करने वाली यूनिट, जो 50 लाख तक का बिजनेस करती हैं, उन्हें भी कंपोजीशन स्कीम के दायरे में लाया गया है। साथ ही इस पर जीएसटी की दर 6 प्रतिशत होगी। मंत्रियों के समूह ने 1.5 करोड़ रुपए तक के कारोबार करने वाली यूनिट्स को अकाउंट और बिलिंग सॉफ्टवेयर फ्री में देने की सिफारिश भी की थी।
हालांकि, इस बैठक में भी रियल ईस्टेट और लॉटरी पर जीएसटी को लेकर कोई बड़ा फैसला नहीं हो पाया और अब इन पर अगली बैठक में चर्चा हो सकती है।
माना जा रहा ता कि बैठक में निर्माणाधीन प्रोजेक्ट के फ्लैट और मकान पर जीएसटी घटाकर 5 फीसदी किया जा सकता है। पिछली बैठक में 26 चीजों पर टैक्स की दर घटाई गई थी। वहीं लॉटरी पर भी जीएसटी कितना लगेगा, इसका ऐलान हो सकता है। लेकिन ऐसा कोई ऐलान नहीं हुआ।इससे पहले जीएसटी काउंसिल के जीओएम ने फैसला किया था कि जीएसटी वसूलने के लिए कारोबार की सीमा 20 लाख रुपए से बढ़ाया जाए। जीएसटी काउंसिल ने बैठक में इस बारे में निर्णय लेते हुए माल की सप्लाई करने वालों के लिए सीमा बढ़ाई 40 लाख रुपए तक बढ़ा दी है।
आपदा उपकर को मंजूरी
इस बैठक में आपदा उपकर लगाने की मंजूरी दी गई है। इसके बाद केरल को भीषण बाढ़ के कारण 2 साल तक सेस लगाने की छूट मिल सकती है। यह 1 फीसदी का सेस किन सेवाओं और सामान पर लगेगा, यह केरल की राज्य सरकार तय करेगी।