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कल अहम सुनवाई का दिन, वकीलों को नहीं थी भनक ऐसा हो जाएगा

नई दिल्ली। अयोध्या में रामजन्म भूमि विवाद में पेश होने वाले वकीलों को भी इस बात की भनक तक नहीं थी कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में पांच जजों की संविधान पीठ गठित करने जा रहा है। यह पीठ 10 जनवरी को सुनवाई करेगी।
मंगलवार को सभी पक्षों के वकीलों ने कहा कि उन्हें इस बात का जरा भी संकेत नहीं मिला था कि इस मामले को संविधान पीठ को सौंप दिया जाएगा। दो वरिष्ठ वकीलों ने कहा कि सबको यही लग रहा था कि तीन जजों की एक बेंच का गठन होगा।
इन्हीं विचारों को जाहिर करते हुए पहले याचिकाकर्ता एम सिद्दीक और कुछ अन्य मुस्लिम निकायों के वकील एजाज मकबूल ने कहा कि उन्हें पांच जजों की बेंच के बारे में शाम को पहली बार तब पता चला जब सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ने उनसे मामले के दस्तावेजों के और दो सेट मांगे। मकबूल ने कहा कि हम हमेशा से पांच जजों की पीठ चाहते थे क्योंकि इस्माइल फारूकी वाले मामले में गलत फैसला हुआ था।
एक हिंदू संगठन की ओर से एक वरिष्ठ वकील ने कहा कि अब देखते हैं क्या होता है। मैं कोई और टिप्पणी नहीं करना चाहता।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल 27 सितंबर को तीन जजों की बेंच ने 2ः1 के बहुमत से 1994 के इस्माइल फारूकी के फैसले के एक प्रावधान को पांच जजों की संविधान पीठ को रेफर करने से मना कर दिया था। इस प्रावधान में कहा गया था कि मस्जिद इस्लाम का अटूट हिस्सा नहीं है। अब संविधान पीठ इस मामले की सुनवाई दस जनवरी को करेगी।

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