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*किरण गुप्ता हत्याकाण्ड का हुआ खुलासा,दबोचे गए सभी आरोपी,बरामद हुए लूटे गए जेवरात*

*किरण गुप्ता हत्याकाण्ड का हुआ खुलासा,दबोचे गए सभी आरोपी,बरामद हुए लूटे गए जेवरात*
*-शहर में हुए जघन्य हत्याकाण्ड के बाद असुरक्षित महसूस कर रहे थे शहरवासी*
*-एसपी ने चैलेंज के तौर पर ली थी बारदात,बदमाशों पर की थी ईनाम की घोषणा*
*-आरोपियों को दबोचने के बाद बोले एसपी पुलिस जनता के साथ अपने आपको न करें असुरक्षित महसूस*
*-घर का द्वार न खुलने के कारण बचीं दो जानें,अंजाम नहीं दे पाये थे बारदात*
शिवपुरी
शहर के बीचों-बीच स्थित राघवेन्द्र नगर कॉलोनी में गत माह कपड़ा व्यवसाई के घर में अज्ञात बदमाशों द्वारा की गई लूट-पाट और उसकी पत्नी की निर्मम हत्या के मामले में पुलिस को आज बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने इस जघन्य बारदात को अंजाम देने वाले आरोपियों को मुखबिर द्वारा मिली सूचना के आधार पर एसपी राजेश हिंगणकर के निर्देशन में धरदबोचने के साथ-साथ इनके पास से लूटे गए जेवरात नगदी व घटना में प्रयुक्त हथियार भी बरामद कर लिए है। पुलिस पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में जुटी दिखाई दे रही है। संभावना जताई जा रही है कि उक्त आरोपियों से पूछताछ से अन्य कई मामलों के  खुलासे भी हो सकते है। शहर के देहात थाना क्षेत्र में दिन के समय घटित हुए इस अंधे हत्याकाण्ड ने जनमानस को हिलाकर रख दिया था। बदमाशों ने जिस अंदाज में बारदात को अंजाम दिया था उससे शहरवासियों में इतना भय व्याप्त हो गया था कि वह घर के भीतर भी अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रहे थे। इस मामले में पुलिस कप्तान ने गंभीरता से लेते हुए बदमाशों का चैलेंज को स्वीकार करते हुए इन पर 10 हजार रुपये का ईनाम भी घोषित किया था और आज पुलिस ने सभी आरोपियों को धरदबोचने में सफलता हासिल की है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर के कपड़ा व्यवसाई विजय गुप्ता की पत्नी किरण गुप्ता निवासी राघवेन्द्र नगर कॉलोनी 11 सितम्बर के दिन अपराहन के समय घर में अकेली थी। विजय गुप्ता और उनका पुत्र शिवम गुप्ता बाजार में स्थित अपनी कपड़े की दुकान में गए हुए थे। इसी बीच अज्ञात बदमाशों ने कपड़ा व्यवसाई के घर में घुसकर लूटपाट की घटना को अंजाम देते हुए किरण गुप्ता की चाकू से रौंधकर निर्मम हत्या कर दी थी। लूट और हत्या की बारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी मौके से भाग खड़े हुए थे। रात लगभग 9 बजे विजय गुप्ता और उनका पुत्र शिवम दुकान से वापिस लौटकर आए तो घर के अन्दर का नजारा देखकर पिता-पुत्र की आंखे फटी की फटी रह गईं थीं। घर के आगन में किरण गुप्ता खून से लथपथ मृत अवस्था में पड़ी हुईं थीं। पीडि़त परिवार द्वारा घटना की जानकारी पुलिस को दी गई। सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक राजेश हिंगणकर मयदल बल के मौके पर जा पहुंचे। जिनके द्वारा हर पहलू पर बारीकी से जांच पड़ताल किए जाने के बाद अज्ञात आरोपियों के खिलाफ थाना देहात में अपराध क्रं. 207/18 धारा 302,394 भादवि के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर जांच पड़ताल शुरु की गई। शहर के बीचों बीच घटित हुए इस जघन्य बारदात को पुलिस अधीक्षक राजेश हिंगणकर ने गंभीरता से लेते हुए मामले को टे्रस करने के लिए कई टीमों का गठन कर आरोपियों को धरदबोचने के प्रयास शुरु किए गए। इस अंधे हत्याकाण्ड को अंजाम देने वाले आरोपियों की तलाश में पुलिस जुटी हुई थी। इसी बीच बीतेरोज एसपी श्री हिंगणकर को मुखबिर द्वारा सूचना मिली कि उक्त बारदात को अंजाम देने वाले आरोपी
पुरानी शिवपुरी स्थित मरघट में बेठे हुए हैं। मुखबिर से मिली इस सूचना को पुलिस कप्तान ने गंभीरता से लिया और एएसपी गजेन्द्र सिंह कंबर को आरोपियों को पकडऩे के लिए दिशा-निर्देश दिए। एसपी के निर्देशन और एएसपी व एसडीओपी सुरेशचन्द्र दोहरे के मार्गदर्शन में टीमों का गठन किया गया। घटित की गई टीमों में थाना प्रभारी देहात परि.डीएसपी कीर्ति बघेल,थाना प्रभारी फिजिकल अनीता मिश्रा,उनि कृपाल सिंह राठौर,उनि. नरेन्द्र गुर्जर,उनि. अमित चतुर्वेदी,उनि.पुनीत वाजपेयी, सउनि बजरंग जादौन, प्रआर. देवेन्द्र, आर. रघुवीर, राहुल, मोहन, सुमित, प्रवीण, विकास को शामिल किया गया। जिन्होंने मुखबिर द्वारा बताए गए स्थान पर दबिश देकर मरघट से आकाश रघुवंशी,अनमोल जैन,मनोज(परिवर्तित नाम)को धरदबोचा। पुलिस ने जब पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ की गई तो इन्होंने बारदात को अंजाम देना स्वीकार नहीं किया। लेकिन जब पुलिस ने इनसे पुलिसिया अंदाज में पूछताछ की तो पकड़े गए आरोपियों ने कपड़ा व्यवसाई के घर में बारदात को अंजाम देना स्वीकार करते हुए बताया कि  उन्होंने अमित गोस्वामी,विनय(परिवर्तित नाम),अजय जैन के साथ मिलकर योजनाबद्ध तरीके से विजय गुप्ता के घर में लूट और हत्याकाण्ड की घटना को अंजाम दिया है। पुलिस ने पकड़े गए बदमाशों की निशानदेही पर अन्य आरोपी अजय,विनय शर्मा(परिवर्तित नाम) को धरदबोचकर इनके पास से हत्या में प्रयुक्त आलाजर एवं मृतिका के सोने के जेवरात 2 सोने की चूड़ी,2 साने की चैन,2 सोने के झुमके,2सोने के टॉक्स कीमत लगभग 2 लाख रूपये का बरामद कर लिया है। इस मामले का मास्टर माइंड अमित गोस्वामी जो कि पेशे से ड्रायवर है। इसको दबोचने के लिए पुलिस की एक टीम बाहर गई हुई है। बताया जाता है कि पुलिस टीम ने उक्त आरोपी को भी धरदबोचा है।
*इस तरह दिया था हत्याकाण्ड को अंजाम*
कपड़ा व्यवसाई विजय गुप्ता की बाजार में जहां कपड़े की दुकान है। वहीं विजय गुप्ता के घर पर भी कपड़े का व्यवसाय होता है। घर पर संचालित दुकान को विजय गुप्ता की पत्नी किरण गुप्ता देखती थी। घटना वाले दिन किरण गुप्ता अपने घर के दूसरे माले पर टी.व्ही. देख रही थीं। इसी दौरान अपराह्न के समय घटना का मास्टर माइंड अमित गोस्वामी,आकाश रघुवंशी विजय गुप्ता के घर पहुंचे जबकि तीसरा आरोपी मनोज सैन (परिवर्तित नाम)पास वाली गली में खड़ा होकर राहगीरों पर नजर रखे हुए था आकाश और अमित ने घर के द्वार पर लगी घंटी बजाई,तो ऊपर से किरण गुप्ता बाहर निकलकर आईं। आकाश और अमित ने कपड़ा खरीदने के बहाने किरण गुप्ता से घर का दरबाजा खुलवाया और अंदर प्रवेश किया। घर में प्रवेश करने के बाद उक्त दोनों बदमाशों ने काफी समय तक किरण गुप्ता को बातों में लगाए रखकर कपड़ा देखते रहे। जैसे ही किरण को महसूस हुआ कि उक्त दोनों कपड़ा खरीदने नहीं बल्कि किसी बारदात को अंजाम देने की नियत से घर में आए है। किरण ने जब इनका विरोध किया तो उक्त दोंनो ने किरण गुप्ता के जेवरात लूटते हुए उन्हें चाकू से रौंधकर निर्मम हत्या कर दी। महिला की हत्या के बाद बदमाशों ने दूसरी मंजिल पर पहुंचकर घर में रखे नगदी और जेवरात भी उड़ा दिए और मौके से भाग निकले। 
*आरोपियों को घर की थी पूरी जानकारी*
घटना का मास्टर माइंड अमित गोस्वामी पूर्व में पानी का टेंकर चलाता था। बताया जाता है कि अमित पहले कई बार विजय गुप्ता के घर पानी का टेंकर खाली करके आया है। अमित को विजय गुप्ता के घर की पूरी जानकारी थी और इस जानकारी के तहत ही उसने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर योजनाबद्ध तरीके से इस जघन्य बारदात को अंजाम दिया था।
*लगी रही टीम,तब जाकर मिलीं सफलता*
किरण गुप्ता लूट और हत्याकाण्ड पुलिस के लिए बड़ी चुनौती थी। हत्याकाण्ड के बाद इस मामले को टे्रस करने के लिए जिलेभर की कई पुलिस टीमें लगाई गईं थीं। टीमों द्वारा जब संदिग्धों से पूछताछ की गई तो दो बार ऐसा मौका भी जब पुलिस के खिलाफ शहर के लोगों का आक्रोश सड़कों पर दिखाई दिया। पुलिस अधीक्षक राजेश हिंगणकर ने बड़ी ही सूझ-बूझ और सजगता के साथ स्थिति को भांपते हुए पुलिस व्यवस्था बनाए रखी और शहर की शान्त फिजा में खलल उत्पन्न नहीं होने दिया। इतना ही नहीं विधानसभा चुनावों की चुनौती को भी दरकिनार कर पुलिस अधीक्षक श्री हिंगणकर ने हत्याकाण्ड मामले को टे्रस करने में लगी टीमों को चुनाव ड्यूटी से अलग रखते हुए उन्हें मामले को टे्रस करने में ही लगा रखा। जिसका सुखद परिणाम यह सामने आया कि पुलिस ने चुनाव के चंद समय बाद ही न सिर्फ आरोपियों को धरदबोचा बल्कि इनके पास लूटे गए जेवरात और घटना में उपयोग किए जाने वाला हथियार भी बरामद किया गया।
*शातिर है हत्याकाण्ड के आरोपी,अंजाम देना चाहते थे बड़ी बारदातों को*
जिन आरोपियों द्वारा किरण गुप्ता के साथ लूट और उसकी हत्या की गई वह शातिर आरोपी बताए जाते है। घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों ने पूर्व में भी छोटी-मोटी घटनाऐं सहित चोरी की बारदातों को भी अंजाम दिया है। पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि किरण गुप्ता के घर में बारदात को अंजाम देने से पहले 9 सितम्बर के दिन वह इसी क्षेत्र के एक व्यवसाई के घर बारदात को अंजाम देने की फिराक से गए थे। लेकिन उक्त घर का द्वार नहीं खुल पाया। पकड़े गए बदमाशों ने यह भी बताया कि 9 सितम्बर के दिन वे जिस व्यवसाई के घर घटनाकारित करने के मंसूबों से गए थे। वहां उन्हें लूट के बाद दो लोगों की हत्या करना थी। लेकिन घर का गेट न खुलने के कारण वह वहां घटना घटित नहीं कर पाए। बताया तो यह भी जा रहा है कि पकड़े गए आरोपियों के तार इन्दौर और उज्जैन से भी जुड़े हुए है। वहां भी उनके द्वारा घटनाओं को अंजाम दिया जाता रहा है। जो आरोपियों पुलिस द्वारा पकड़े गए है उन्होंने खुलासा किया है कि वह जल्द ही पांच बड़ी बारदात को अंजाम देने की फिराक में थे। लेकिन पुलिस ने इनके मंसूबों पर पानी फेर दिया।
*अनसुलझे पड़े है पूर्व के मामले*
जिस तरह से कपड़ा व्यवसाई की पत्नी किरण गुप्ता की लूट और हत्या की गई थी। ठीक उसी प्रकार राजेश्वरी रोड़ पर पूर्व में एक महिला की लूट और हत्या की घटना को अज्ञात बदमाशों द्वारा अंजाम दिया गया था। वहीं बाबू क्वाटर रोड़ पर भी इसी तरह की जघन्य बारदात घटित हुई थी। इन दोंनों मामलों को लम्बा समय गुजरने के बाद भी आज तक टे्रस नहीं किया जा सका है। किरण गुप्ता हत्याकाण्ड को पुलिस कप्तान राजेश हिंगणकर ने बदमाशों की चुनौती मानते हुए स्वीकार किया जिसका परिणाम यह सामने आया कि यह मामला पूर्व के मामलों की तरह अनसुलझा न रहकर टे्रस कर लिया गया है। पुलिस अधीक्षक का कहना है कि पूर्व के जो मामले अनसुलझे पड़े है उन्हें भी सुलझाने का पूरा प्रयास किया जायेगा।

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