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मध्य प्रदेश: जीते चाहे जो भी, प्रतिष्ठा चुनाव आयोग की दांव पर लगी है

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में निर्वाचन आयोग की साख दांव पर

कई जगह ईवीएम खराब होने से 3 घंटे तक बाधित हुई थी वोटिंग

सागर के खुरई में मतदान के 48 घंटे बाद बस से ईवीएम पहुंची

भोपाल के स्ट्रॉन्गरूम की बिजली गुल होने को लेकर उठे सवाल

भोपाल 
मध्य प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव की मतगणना 11 दिसंबर को होगी और नतीजे भी उसी दिन सामने आ जाएंगे। मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस  के बीच है लेकिन इस चुनाव में निर्वाचन आयोग की साख भी दांव पर लगी हुई है। मतदान के दौरान और मतदान के बाद की व्यवस्थाओं पर उठ रहे सवालों का आयोग संतोषजनक जवाब नहीं दे पा रहा है। 
मतदान के बाद ईवीएम को कड़ी सुरक्षा के बीच स्ट्रॉन्गरूम में रखा गया है, उसके बावजूद अचानक बिजली का होना और बगैर सुधार कार्य के अपने आप आ जाना, स्ट्रॉन्ग रूम के भीतर सामान ले जाने का विडियो वायरल होना, ईवीएम का दो से तीन दिन बाद विधानसभा क्षेत्रों से जिला मुख्यालय पहुंचना ऐसी घटनाएं हैं, जिनको लेकर निर्वाचन आयोग की ओर से जो वजहें बताई गई हैं, वे आसानी से किसी के गले नहीं उतर रही हैं। राजधानी के सात विधानसभा क्षेत्रों की ईवीएम के लिए पुरानी जेल के परिसर को स्ट्रॉन्गरूम में बदला गया है। यहां 30 नवंबर की सुबह अचानक डेढ़ घंटे के लिए बिजली चली गई और बाहर लगी एलईडी बंद हो गई। इतना ही नहीं, स्ट्रॉन्गरूम में लगे सीसीटीवी कैमरों के बंद होने की भी बात कही जा रही है। भोपाल के स्ट्रॉन्गरूम की बिजली गुल होने को लेकर प्रशासनिक अमले की ओर से जो बयान आए हैं, वे सवालों के घेरे में हैं। 

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