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भारत की अमेरिका को दो टूक कोई देश न बताए कि रूस से क्या खरीदें और क्या नहीं

अमेरिकी प्रतिबंधों पर भारत का जवाब- कोई देश न बताए कि रूस से क्या खरीदें और क्या नहीं
अमेरिकी प्रतिबंधों पर भारत का जवाब- कोई देश न बताए कि रूस से क्या खरीदें और क्या नहीं
विदेश मंत्री ने कहा- रूसी मिसाइल सिस्टम खरीदना भारत का अधिकार है।

वॉशिंगटन। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को अमेरिकी प्रतिबंधों की धमकी के बावजूद रूस से मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के भारत के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि ऐसा निर्णय लेना नई दिल्ली का संप्रभु अधिकार है। वह तीन दिवसीय अमेरिकी यात्रा पर गए हैं। इस दौरान विदेश मंत्री के रूप में अपने पहले कार्यकाल में एस जयशंकर ने कहा कि भारत, रूसी हथियार प्रणाली को खरीदने के लिए अमेरिका द्वारा भारत के सामने रखी गई चिंताओं पर चर्चा कर रहा है। मगर, उन्होंने एस-400 मिसाइल सिस्टम की खरीद पर अंतिम निर्णय का पूर्वानुमान लगाने से इनकार कर दिया।

उन्होंने सेक्रेटरी ऑफ स्टेट्स सचिव माइक पोम्पिओ के साथ बैठक से पहले संवाददाताओं से कहा- सैन्य उपकरण के मामले में हमने हमेशा से कहा है कि हम क्या खरीदते हैं, यह हमारा संप्रभु अधिकार है। उन्होंने कहा कि हम नहीं चाहेंगे कि कोई देश हमें बताए कि हम रूस से क्या खरीदें या न खरीदें। हमें लगता है कि पसंद का आजादी हमारी है और हमें लगता है कि यह हर किसी के हित में है कि वह इसे माने।

बताते चलें कि पिछले साल भारत ने रूस के साथ पांच एस-400 मिसाइल सिस्टम को 5.2 अरब डॉलर में खरीदने का सौदा किया था, जिनकी जल्द ही आपूर्ति होने वाली है। साल 2017 के कानून के अनुसार, रूस से बड़े पैमाने पर हथियार खरीदने वाले देशों पर अमेरिका प्रतिबंध लगा रहा है क्योंकि यूक्रेन और सीरिया में रूस ने सैन्य दखल दिया है और साल 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूस पर हस्तक्षेप करने के आरोप लगे हैं।

जून में तुर्की ने एस-400 मिसाइल सिस्टम को रूस से खरीदने के फैसले पर आगे कदम बढ़ाते हुए अमेरिका को नाराज कर दिया। इसके जबाव में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने F-35 फाइटर जेट कार्यक्रम में तुर्की की भागीदारी को खत्म कर दिया था। हालांकि, तुर्की पर अन्य प्रतिबंध लगाए जाने की घोषणा की जानी बाकी है। जयशंकर ने अमेरिका के साथ गर्मजोशी से संबंध स्थापित किए, लेकिन ईरान को लेकर ट्रंप के कट्टर रुख के साथ भारत के मतभेदों को रेखांकित किया। जयशंकर ने कहा- हम ईरान को पूर्व से देखते हैं और पूर्व से ईरान बहुत स्थिर है।

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