नई दिल्ली। देश के भीतर मौजूद संपत्तियों को जब्त करने के बाद पीएनबी घोटाले के आरोपितों की विदेशी संपत्तियों की जब्ती का भी सिलसिला शुरू हो गया है। ईडी ने मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत नीरव मोदी और दूसरे आरोपितों की 637 करोड़ रुपये की संपत्ति और बैंक अकाउंटों को जब्त किया है।
इसके तहत हांगकांग और न्यूयार्क स्थित संपत्तियों को जब्त किया गया है। बड़ी बात यह है कि इनमें विदेश स्थित बैंक खाते में जमा रकम, फ्लैट और अन्य संपत्तियां शामिल हैं। आरोपितों की विदेश स्थित अन्य संपत्तियों की जानकारी जुटाई जा रही है, ताकि उन्हें भी जब्त किया जा सके।
ईडी एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को कहा कि जिन संपत्तियों को जब्त किया गया है, उनमें न्यूयार्क में नीरव मोदी के दो फ्लैट शामिल हैं। इन दोनों फ्लैटों की कीमत 216 करोड़ रुपये है। इसके साथ ही सीबीआइ में एफआइआर दर्ज करने के बाद नीरव मोदी द्वारा हांगकांग भेज दिए गए 22.69 करोड़ रुपये के आभूषण को वहां से वापस मंगाकर जब्त कर लिया गया है।
इन आभूषणों की बुक वैल्यू 85 करोड़ रुपये दिखाई गई थी। लेकिन स्वतंत्र मूल्यांकन से इसकी कीमत 22.69 करोड़ आंकी गई है। यह पहला मामला है कि जब मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत आरोपित की विदेश में छिपाई गई संपत्ति को वापस लाकर जब्त किया गया है।
इसके साथ ही घोटाले की अन्य आरोपी और नीरव मोदी की बहन पूर्वी मोदी के नाम पर 2017 में मुंबई में 19.5 करोड़ रुपये की लागत से खरीदे गए फ्लैट को भी जब्त किया गया है। पूर्वी मोदी बेल्जियम की नागरिक है। इस फ्लैट का पावर ऑफ अटार्नी नीरव के भाई नीशाल मोदी के पास है।
नीशाल मोदी भी घोटाले में आरोपी है। इसके अलावा ईडी ने नीरव मोदी, पूर्वी मोदी और अन्य आरोपितों के विदेश स्थित बैंक खातों में जमा 278 करोड़ रुपये को भी जब्त कर लिया है। ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि विदेश में जब्त संपत्तियों को बेचकर और बैंक खातों की राशि को वापस भारत लाने की कोशिश शुरू हो गई है। इसके लिए संबंधित देशों को एलआर भेजा जा रहा है।
