मध्यप्रदेश की सियासत में अभी भाजपा विधायक प्रहलाद लोधी की सदस्यता बर्खास्त होने का मामला थमा नहीं था कि प्रदेश के एक और विधायक की मुश्किलें बढ़ गई हैं। कांग्रेस विधायक जजपाल सिंह जज्जी की सदस्यता खतरे में पड़ती नजर आ रही है।
दरअसल जज्जी पर आरोप है कि पहले वे सामान्य कोटे से जनपद सदस्य निर्वाचित हुए फिर कीर जाति के आधार पर ओबीसी के लिए आरक्षित नगरपालिका परिषद अशोकनगर के अध्यक्ष बने। जिसके बाद खुद को नट जाति का बताकर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित विधानसभा सीट अशोकनगर से चुनाव लड़े और विधायक चुने गए। वहीं पुलिस और प्रशासन की जांच में जज्जी का सिख जाति का होना पाया गया।
इन आरोपो के बाद राज्य स्तरीय छानबीन समिति ने ओबीसी और अजा दोनों ही प्रमाण पत्रों को पर्जी और कूटरचित बताकर खारिज कर दिया है। फिलहाल मामला हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद पिर समिति के सामने आया है। कोर्ट ने जज्जी को सुनवाई का एक अवसर देने का निर्देश तो दिया है पर साथ में ये भी कहा है कि अब जज्जी अनुसूचित जाति को मिलने वाला कोई लाभ प्राप्त नहीं होगा।
वहीं मामले के छानबीन समिति के पास पहुंचने के बाद बीजेपी इसे राज्यपाल लालजी टंडन के समक्ष ले जाने वाली है ताकि फर्जी जाति के आधार पर चुनाव लड़ने के कारण जज्जी को अयोग्य घोषित कराया जा सके।