पीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार अब ‘वन नेशन, वन पे डे’ सिस्टम लागू करने जा रही है. इसके लिये खुद पीएम मोदी रुचि लेकर ऐसा कानून बनवा रहे हैं, जो जल्द से जल्द तैयार हो जाए और संसद में पास भी हो जाए. पीएम मोदी का इसके पीछे उद्देश्य है कि पूरे देश में एक ऐसी समान व्यवस्था होनी चाहिये, जिससे कि हर क्षेत्र के सभी वर्ग के कर्मचारियों और श्रमिकों को एक ही दिन सैलरी मिले. सरकार का यह भी मानना है कि इससे फॉर्मल सेक्टर में काम करने वाले श्रमिकों के हितों की रक्षा होगी.
देश में लगभग 33 लाख केन्द्रीय कर्मचारी हैं और संगठित व असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की संख्या 40 करोड़ से अधिक है. पीएम मोदी के साथ 2014 से सरकार में जुड़े और श्रम मंत्रालय की जिम्मेदारी सँभालने वाले श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने केन्द्र सरकार की यह मंशा जाहिर की है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी खुद चाहते हैं कि पूरे देश में ऐसी समान व्यवस्था लागू हो, जिसके तहत हर किसी को एक ही दिन वेतन का भुगतान हो.
पीएम मोदी यह भी चाहते हैं कि इस बाबत एक कारगर कानून जल्द से जल्द तैयार हो और वह शीघ्र ही स्वीकृत हो, ताकि जल्द से जल्द देश में ऐसी व्यवस्था को लागू किया जा सके. गंगवार के अनुसार केन्द्र सरकार इसके लिये यूनिफॉर्म मिनिमम वेज प्रोग्राम को लागू करने की दिशा में सक्रिय प्रयास कर रही है, जिससे श्रमिकों के जीवन में सुधार लाया जा सके. सरकार ऑक्युपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन कोड (OSH), कोड ऑन वेजेज को भी लागू करने की दिशा में काम कर रही है. संसद में कोड ऑन वेजेज को पहले ही स्वीकृति मिल चुकी है और अब इसके नियमों पर काम किया जा रहा है.
गंगवार के अनुसार ऑक्युपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन कोड यानी (OSH) को लोकसभा में गत 23 जुलाई-2019 को पेश किया गया था. इस कोड को 13 श्रम कानूनों को मिला कर तैयार किया गया है. इसके अलावा इसमें कई अन्य प्रावधान भी जोड़े गये हैं. जैसे कि हर कर्मचारी को अपॉइंटमेंट लेटर मिले और हर साल प्रत्येक कर्मचारी का फ्री मेडिकल चेकअप किया जाए. गंगवार के अनुसार अभी तक पीएम मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने 44 जटिल श्रम कानूनों को सरल बनाने पर काम किया है. इस मामले से जुड़े सभी पक्षकारों के साथ भी सरकार प्रभावशाली बातचीत कर रही है, ताकि उपयोगी कानून बनाये जा सकें.
उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार ने 2014 में सत्ता की बागडोर हाथ में लेने के बाद सबसे पहले सेना में वन रैंक वन पेंशन स्कीम लागू की थी. इसके बाद उन्होंने देश के समक्ष वन नेशन वन इलेक्शन का विचार भी पेश किया. उन्होंने वन नेशन वन मोबिलिटी कार्ड, वन नेशन वन राशन कार्ड, वन नेशन वन टैक्स की परिकल्पनाओं को भी लागू किया है. अब समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में भी तेजी से काम किया जा रहा है.
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