पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के अनुज और कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह इन दिनों अपने ट्वीट को लेकर सूर्खियों में हैं। उनके ट्वीट के गहरे मायने होते हैं। गुरुवार को इंदिरा गांधी द्वारा बनाए कानून को न बदले जाने की मांग के बाद शुक्रवार को उन्होंने महाराष्ट्र में कांग्रेस के शिवसेना-एनसीपी के साथ गठबंधन वाली सरकार बनाने पर मुखरता के साथ अपने विचार रखे हैं।
लक्ष्मण सिंह का कहना है कि सिद्धांतों से समझौता कर कांग्रेस ने जहां भी गठबंधन किया है, वहां पार्टी को नुकसान ही हुआ है। महाराष्ट्र में भी शिवसेना व एनसीपी के साथ गठबंधन वाली सरकार में शामिल होने का कांग्रेस को नुकसान उठाना होगा।
सिंह ने महाराष्ट्र में राजनीतिक जद्दोजहद के बाद बनी शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के गठबंधन की सरकार पर गुरुवार की रात को ट्वीट किया था। इसमें उन्होंने फिल्मी गाने हर घड़ी बदल रही है….को पैरोडी के अंदाज में महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम के साथ जोड़ा है।
लक्ष्मण सिंह ने ट्वीट में लिखा है कि महाराष्ट्र का राजनीतिक घटनाक्रम ‘हर घड़ी बदल रही है रूप ‘राजनीति”, छांव है कभी, कभी है धूप ‘राजनीति”, हर पल यहां खूब ‘खाओ”, जो है समा कल हो न हो, लिखा है। इसके राजनीतिक गलियारों में मायने निकाले जा रहे हैं कि अब महाराष्ट्र में कभी भी कुछ भी हो सकता है इसलिए जिसको जितना कमाना हो कमा ले।
वहीं, लक्ष्मण सिंह ने इस ट्वीट के बाद नवदुनिया से चर्चा में अपने ट्वीट के मायने यह बताया कि उनका कांग्रेस पार्टी को सिद्धांतों के साथ ही गठबंधन का सुझाव का है। सिंह ने कहा कि सिद्धांतों के साथ समझौते कर जहां भी पार्टी ने गठबंधन किया है, वहां उसे नुकसान ही उठाना पड़ा है।
कांग्रेस विधायक ने इसका उत्तरप्रदेश और बिहार राज्यों को उदाहरण के तौर पर बताया। दोनों राज्यों में पार्टी को आज तक नुकसान उठाना पड़ रहा है। सिंह ने कहा कि महाराष्ट्र में कांग्रेस ने अपने सिद्धांतों के साथ समझौता एकबार फिर गलती की है जिसका पार्टी को नुकसान होगा।
अक्सर विवादास्पद बयानों से सुर्खियों में रहते हैं सिंह
गौरतलब है कि लक्ष्मण सिंह अक्सर इस तरह के ट्वीट कर सुर्खियों में बने रहते हैं। वे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के छोटे भाई हैं, जिससे उनके ऐसे कटाक्ष से कई बार दिग्विजय को भी बैकफुट पर आना पड़ता है। बुधवार को कमलनाथ सरकार को अनुसूचित क्षेत्र की जमीन के विक्रय संबंधी एक फैसले पर भी लक्ष्मण सिंह ने ट्वीट कर सरकार को उसे वापस लेने की सलाह दी थी और उसके बारे में लिखा था कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आदिवासियों के हक बनाए कानून का हवाला भी दिया था।
इसी तरह लक्ष्मण सिंह अपने ही भाई के सरकारी निवास पर चांचौड़ा को जिला बनाने की मांग लेकर धरने पर भी बैठ गए थे। अपने विधानसभा क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की खस्ता हालत देखकर उन्होंने साफ शब्दों में यह तक कह दिया था कि कमलनाथ मजबूर मुख्यमंत्री हैं, वे मजबूत मुख्यमंत्री बनकर काम करें। किसानों की कर्जमाफी के मुद्दे पर भी उन्होंने खुलकर अपनी राय जाहिर की थी कि राहुल गांधी ने जल्दबाजी में कर्जमाफी की घोषणा कर दी थी।