शुक्रवार को उद्योग संगठन एसोचैम की वार्षिक आम सभा को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश के लिए काम करने में काफी गुस्सा झेलना पड़ता है, कई लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ती है इसके अलावा कई आरोपों से गुजरना पड़ता है।
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून पर देशभर में मचे बवाल के बीच पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कही है। शुक्रवार को उद्योग संगठन एसोचैम की वार्षिक आम सभा को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश के लिए काम करने में काफी गुस्सा झेलना पड़ता है, कई लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ती है इसके अलावा कई आरोपों से गुजरना पड़ता है। हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी ने ये बात एसोचैम के कार्यक्रम में अर्थव्यवस्था, जीएसटी और ईज़ ऑफ डूइंग की रैंकिंग को लेकर कही।
इस दौरान पीएम मोदी ने अर्थव्यवस्था और जीएसटी को लेकर प्रश्न उठाने वाले विपक्ष के सवालों का भी जवाब दिया। पीएम मोदी ने कहा कि पांच ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था की बात अचानक नहीं आई। बीते पांच साल में देश ने खुद को मजबूत किया है। पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने जीएसटी लाने की मांग पूरी की। कांग्रेस पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि 70 साल की आदत को बदलने में समय लगता है।
कार्यक्रम में पीएम मोदी ने एसोचैम के सभी सदस्यों को इस महत्वपूर्ण पड़ाव पर बधाई और शुभकामनाएं दी। पीएम मोदी ने कहा, ”हमारे देश में सामर्थ्य है, उस सामर्थ्य के भरोसे आगे बढ़ना है तो लक्ष्य, दिशा और मंजिल को जनसामान्य से जोड़ना ही चाहिए और मेरा यही प्रयास है जब तक पूरा देश मिलकर लक्ष्य प्राप्त नहीं करता, लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपनी जिम्मेदारी में सक्रियता नहीं लाता तो वो एक सरकारी कार्यक्रम बन जाता है।”
पीएम मोदी ने आगे कहा, ”हमने अर्थव्यवस्था के ज्यादातर आयामों को फॉर्मल व्यवस्था में लाने का प्रयास किया है। इसके साथ ही हम अर्थव्यवस्था को आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए आधुनिकीकरण और स्पीड अप करने की दिशा में भी आगे बढ़े हैं।”