यदि आप देश के किसी बैंक अकाउंट में खाता खुलवाते हैं और स्थाई पते और आईडी प्रूफ के लिए आधार की फोटो कॉपी बैंक को देते हैं तो वह मान्य नहीं है, क्योंकि इसके साथ-साथ बैंक को बायोमैट्रिक या फिर ओटीपी ऑथेंटिकेशन भी करना होगा. ये इसलिए जरूरी है, क्योंकि ऐसा न किए जाने पर कोई भी किसी के आधार की कॉपी का इस्तेमाल बैंक अकाउंट खोल सकता है. ये सारी बातें आधार जारी करने वाली सरकारी संस्था uidaiने कही हैं.
बैंक होगा जिम्मेदार- बिजनेस न्यूज पेपर इकोनॉमिक टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक, UIDAI ने साफ कहा है कि अगर बैंक बिना ओटीपी और ऑथेंटिकेशन के अकाउंट खोलता है तो किसी भी नुकसान के लिए बैंक जिम्मेदार होगा.
बैंक की इस गलती के लिए आधारधारक जिम्मेदार नहीं हैं. यह बिल्कुल वैसा ही है जैसे कोई किसी दूसरे के वोटर आईकार्ड, राशनकार्ड पर बैंक अकाउंट खुलवा लेता है. इसमें राशनकार्ड धारक और वोटरआई कार्ड वाले की कोई गलती नहीं होती है.आपको बता दें कि UIDAI की वेबसाइट पर पूछे जाने वाले सवालों में से एक सवाल ये भी है, जिसके जवाब में UIDAI ने ये जवाब दिया है.
आधार वैरिफिकेशन जरूरी- आजकल UIDAI रेडियो पर लोगों को इसके लिए जागरूक कर रहा है. UIDAI के मुताबिक, बैंक में बायोमैट्रिक यानी अंगूठे के निशान के जरिये अपना आधार वैरिफाई कराया जा सकता है. मोबाइल पर ओटीपी के जरिए भी वैरिफाई कराया जा सकता है.
सवाल: क्या होगा यदि कुछ धोखेबाज जो मेरे आधार कार्ड की एक प्रति प्राप्त करते हैं और मेरी जानकारी के बिना मेरे नाम में एक बैंक खाता खोलने का प्रयास करते हैं. क्या मुझे नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा?
जवाब: किसी को यह ध्यान में रखना चाहिए कि एक बैंक खाता केवल भौतिक आधार कार्ड या उसकी फोटोकॉपी प्रस्तुत करने या प्रस्तुत करने पर खोला नहीं जा सकता है. पीएमएल नियमों और आरबीआई परिपत्रों के तहत, एक बैंक खाता खोलने के लिए, बैंक को आधार प्रतिबंध लेनदेन या केवाईसी स्वीकार करने से पहले बायोमेट्रिक या ओटीपी प्रमाणीकरण और अन्य सावधानी बरतनी होगी. इसलिए बायोमेट्रिक / ओटीपी इत्यादि के माध्यम से आपके सत्यापन के बिना कोई भी आपके नाम पर कोई बैंक खाता नहीं खोल सकता है.
हालांकि, बॉयोमीट्रिक या ओटीपी प्रमाणीकरण और अन्य सत्यापन के बिना आधार स्वीकार करके बैंक खाता खोला जाता है, तो बैंक को किसी भी नुकसान के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा. आधार धारक को बैंक की गलती के लिए ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है. ऐसा लगता है कि कुछ धोखाधड़ी किसी और के मतदाता कार्ड / राशनकार्ड पेश करके बैंक खाता खोलती हैं, यह वह बैंक है जो मतदाता या राशन कार्ड धारक को ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा. आज तक इस तरह के दुरुपयोग के कारण आधार धारक को कोई वित्तीय नुकसान नहीं हुआ है.
