56 इंच की छाती वाले PM के राज में शरणार्थियों को डरने की जरूरत नहीं; अमित शाह बोले
CAA विवाद पर अमित शाह ने कहा कि 56 इंच की छाती वाले नरेन्द्र मोदी जी ने कहा कि ये जो लाखों करोड़ों शरणार्थी आएं हैं, इनके मानवाधिकार की रक्षा मैं करूंगा और किसी को डरने की जरूरत नहीं है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संशोधित नागरिकता कानून (CAA) पर पुनर्विचार की किसी संभावना को पूरी तरह खारिज करते हुए शुक्रवार (3 जनवरी) को स्पष्ट कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) इस मामले में अपने फैसले से एक इंच भी पीछे नहीं हटेगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि CAA किसी की नागरिकता लेने नहीं बल्कि नागरिकता देने का कानून है। शाह ने जोधपुर के कमला नेहरू नगर में सीएए के समर्थन में पार्टी के जनजागरण अभियान की शुरुआत करते हुए एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी इस मामले में अपना पक्ष रखने के लिए देशभर में सभाएं व रैलियां करेंगी।
पीछे नहीं हटेगी बीजेपी: अमित शाह ने कांग्रेस पर सीएए को लेकर दुष्प्रचार करने तथा धर्म के नाम पर देश को बांटने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दूसरे देशों से आए पीड़ित, सताए शरणार्थियों को नागरिकता देना उनके मानवाधिकार की रक्षा है और मोदी सरकार इसमें पीछे नहीं हटेगी। सभा में सीएए के समर्थन में लहराए जा रहे बोर्ड का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मैं देख रहा हूं कि आप बोर्ड ऊपर करके बता रहे हैं कि इससे आपको नागरिकता मिलने वाली है। आप डरिए मत, ये सारी की सारी पार्टियां एक हो जाएं … भारतीय जनता पार्टी सीएए में एक इंच भी वापस नहीं होने वाली। आपकी नागरिकता को कोई नहीं रोक सकता है।’’
विपक्ष पर किया हमला: शाह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘जितना भ्रम फैलाना है, फैला लो, गुमराह करना है कर लो। हम भी परिश्रम करेंगे। हम लोगों के पास जाएंगे, युवाओं के पास जाएंगे, अल्पसंख्यकों के पास जाएंगे और बताएंगे कि इसमें आपकी नागरिकता का कोई लेनदेना नहीं है।’’ अमित शाह ने आगे कहा, ‘‘मैं देशभर की जनता से कहना चाहता हूं, ये जो सीएए है, इस कानून में कहीं पर किसी की नागरिकता लेने का प्रावधान ही नहीं है, सिर्फ नागरिकता देने का प्रावधान है।’’
धर्म के आधार पर देश का बंटवारा: उन्होंने कहा, ‘‘धर्म के आधार पर देश का बंटवारा नहीं होना चाहिए था। भारत माता के टुकड़े नहीं होने चाहिए थे। किसने किए, कांग्रेस पार्टी जवाब दे। इसके बाद शाह ने फिर कहा, ‘‘पाकिस्तान में 30 प्रतिशत अल्पसंख्यक थे जो अब तीन प्रतिशत रह गए हैं। बांग्लादेश में इनकी संख्या 30 प्रतिशत से घटकर सात प्रतिशत रह गयी है। मैं राहुल गांधी से, ममता बनर्जी से पूछना चाहता हूं, कहां गए ये लोग। या तो मार दिए गए, धर्म परिवर्तन करा दिया गया या फिर वे भारत आए। कहां तो ये शरणार्थी भाई करोड़पति थे और कहां आज उनके पास रहने की जगह नहीं है। सौ सौ बीघा की खेती करने वाले आज मजदूरी कर रहे हैं।’’