रचनाकार उर्वशी शर्मा गौतम
शीर्षक… ऋतुराज बसंत
आया बसंत सखी
फूली पीली सरसों सखी
रतनार टेसू खिले
कर सोलह श्रंगार सखी
बाग में साजन है आए
मोहे आई लाज सखी
शारदे पूजन को ,
चलो जल्दी री सखी
हल्दी कुमकुम लेकर
अक्षत संग पुष्पमाल सखी
मैं अक्षय सुहाग मागूँ
प्रिय का साथ माँगो सखी
कंठ मेरे मात बसे
सदा शुभ मैं बोलूँ सखी
कानों मिश्री घोलूँ सखी
बसंत ऋतु आई सखी
रति मदन प्रेम सखी
गुनगुनी धूप सखी
ऋतु हेमंत सखी
जल्दी आओ री सखी
आया बसंत सखी |
©®उर्वशी शर्मा गौतम