Breaking News

10 का दम, कांग्रेस ‘बेदम’… कांग्रेस कैसे करेगी बीजेपी का मुकाबला ?

भोपाल। मध्यप्रदेश में चुनाव से पहले दमदार नेताओं की किलेबंदी शुरु हो गई है। सत्ताधारी दल बीजेपी हो या विपक्ष में बैठी कांग्रेस, दोनों की निगाहें एक दूसरे के मजबूत स्तंभों को ढहाने में लगी हुई हैं। बीजेपी ने जहां कांग्रेस के दस मजबूत विधायकों की विधानसभा घेरने की रणनीति बनानी शुरु कर दी है, तो वहीं, कांग्रेस भी सीएम सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं को उनके विधानसभा क्षेत्र में उलझाने की दिशा में काम कर रही है।

मध्य प्रदेश में चुनावी बिसात लगभग बिछ सी गई है। कांग्रेस और भाजपा अपने-अपने तरह से किलेबंदी भी कर रही है। कांग्रेस और बीजेपी इस बार एक दूसरे के उन नेताओं को पटकनी देने की रणनीति बना रहे हैं, जो चुनावी मैदान में जीत का कई बार परचम लहरा चुके हैं। इसके लिए कांग्रेस ने ऐसे दस दमदार नेताओं को चिन्हित कर उन्हें मैदान में उतारने की तैयारी कर ली है जो बीजेपी के 10 दमदार नेताओं को पटकनी दे सकते हैं।

कांग्रेस के 10 दमदार नेता-

कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष – रामनिवास रावत

वरिष्ठ विधायक – डा. गोविन्द सिंह

वरिष्ठ विधायक – केपी सिहं

वरिष्ठ विधायक – मुकेश नायक

नेता प्रतिपक्ष – अजय सिहं

उपनेता प्रतिपक्ष – बाला बच्चन

वरिष्ठ विधायक – आरिफ अकील

कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष – जीतू पटवारी

विधायक – जयवर्धन सिंह

विधायक – ओमकार मरकाम

कांग्रेस दावा कर रही है कि ये दस चेहरे बीजेपी के दस चेहरों को सियासत की चौसर पर मात दे सकते हैं। जबकि हकीकत ये भी है कि कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी समस्या इस बात की भी है, कि ये वो चेहरे नहीं हैं, जो राज्य सरकार के मौजूदा मंत्रियों और बीजेपी के नेताओं के सामने दहाड़ कर उनकी हवा खराब करने में सक्षम हो और जो चेहरे इन चेहरों को सामने हैं, जरा उन्हें भी एक नजर आप देख लीजिए।

बीजेपी के 10 दमदार चेहरे-

मुख्यंत्री – शिवराज सिंह चौहान

वरिष्ठ मंत्री – उमाशंकर गुप्ता

गृहमंत्री – भूपेन्द्र सिंह

हेल्थ मिनिस्टर – रुस्तम सिंह

उच्च शिक्षा मंत्री – जयभान सिंह पवैया

स्कूल शिक्षा – विजय शाह

जनसंपर्क मंत्री- नरोत्तम मिश्र

उद्योग मंत्री – राजेन्द्र शु्क्ला

शिक्षा राज्यमंत्री – दीपक जोशी

पंचायत मंत्री – गोपाल भार्गव

ये बीजेपी के वो 10 चेहरे हैं जो किसी तारूफ के मोहताज तो हरगिज नहीं हैं और ना ही ऐसे चेहरे हैं जिनके आगे कांग्रेस के 10 दमदार चेहरे टिकते ही नजर आते हों, लेकिन, कहते हैं सियासत की चौसर पर गलतफहमी लंबे समय तक बनी रहती है और जब गलतफहमी इस हद तक हो कि जीत का दावा किया जा सकता हो तो उसका इलाज महज वो फैसला ही है जो जनता करती है।

Check Also

महाकुंभ भगदड़ में ग्वालियर के कामता की मौत, नहीं मिली एंबुलेंस, पूर्व मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा की मदद से शव पहुंचा घर – 

🔊 Listen to this महाकुंभ भगदड़ में ग्वालियर के कामता की मौत, नहीं मिली एंबुलेंस, …