भोपालः वैसे तो मध्य प्रदेश में औसत से कम बारिश हुई है। लेकिन बंगाल की खाड़ी से आगे बढ़ा कम दबाव का क्षेत्र ऊपरी हवा के चक्रवात में तब्दील होकर मध्य प्रदेश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र पर सक्रिय होने लगा है। इसके चलते बचा हुआ मानसून ट्रफ प्रदेश के कई ज़िलों में भारी का दौर ला सकता है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार, 1 सितंबर से इसकी प्रबलता बढ़ सकती है। इसी के चलते मध्य प्रदेश के करीब 33 जलों में अलर्ट भी जारी किया गया है। साथ ही, औसत बूंदा बांदी का दौर प्रदेशभर में जारी रहने की संभावना है।
इन जिलों में भारी बारिश की संभावना
मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक मानसून ट्रफ बीकानेर,ग्वालियर, सीधी, हाल्टनगंज, जमशेदपुर,बालासोर होते हुए बंगाल की खाड़ी तक जा रहा है। साथ ही उत्तर प्रदेश के दक्षिणी भाग और गुजरात पर भी एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है। इसी के चलते मध्य प्रदेश के अनुपपुर, बालाघाट, बेतूल, छतरपुर, छिंदवाड़ा, दमोह, डिंडोरी, हरदा, होशंगाबाद, अलिराजपुर, बड़वानी, बुरहानपुर, धार, इंदौर, झाबुआ, उज्जैन, रतलाम, कटनी, खंडवा, खरगोन, मंडला, नरसिंहपुर, रीवा, पन्ना, सागर, सतना, सीधी, शहडोल, सिवनी, जबलपुर, सिंगरौली, टीकमगढ़ और उमरिया जिलें में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
एक और कम दबाव का क्षेत्र बनने से बढ़ी स्थितियां
मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने एक हिन्दी वेबसाइट मंथन न्युज को बताया कि, प्रदेश में लगातार चार सिस्टम सक्रिय रहने से वातावरण में बड़े पैमाने पर आद्रता बढ़ रही है। इससे प्रदेश में कई इलाकों में बारिश की संभावना है। इसी के चलते बुधवार को भी इंदौर में 59.3,उमरिया में 28, सीधी, जबलपुर में 7, मंडला में 5,शाजापुर में 4 मिमी. बरसात हुई। ग्वालियर, भोपाल में बूंदाबांदी का दौर जारी रहा। अजय शुक्ला ने बताया कि एक सितंबर को बंगाल की खाड़ी में एक और कम दबाव का क्षेत्र बनने जा रहा है। उसके प्रभाव से प्रदेश में बरसात की गतिविधियों में और तेजी आ सकती है।