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यूरोप के सबसे ऊंचे पर्वत पर फतह करके MP की बेटी पर्वतारोही मेघा परमार ने रचा इतिहास, लोगों को दिया संदेश आज की महिलाएं कुछ भी कर सकती है

मप्र की पर्वतारोही मेघा परमार ने एक और चोटी को फतह कर लिया।  उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट कोशियासको पर चढ़ाई  पूरी कर ली….महिला दिवस के मौके पर उन्होंने लड़कियों के लिए मिसाल पेश की है…..

भोपाल/ सीहोर। आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस रविवार, 8 मार्च है। यह दिन महिलाओं के लिए विशेष खास होता है। यह एक ऐसा दिन है जब हम महिलाओं की अद्भुत सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक उपलब्धियों का जश्न मनाते हैं। इसी जश्न में एक नाम शामिल हुआ है मध्यप्रदेश की पर्वतारोही मेघा परमार का। दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह करने वाली मप्र की पर्वतारोही मेघा परमार ने एक और चोटी को फतह कर लिया। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट कोशियासको पर चढ़ाई पूरी कर ली। जिससे उन्होंने पूरे मध्य प्रदेश का नाम रोशन किया है।

MP की पहली महिला पर्वतारोही

आपको बता दें कि इससे पहले मेघा माउंट किलिमंजारो(अफ्रीका) और माउंट एलब्रूस(यूरोप) फतह कर चुकी हैं। उनका सपना विश्व की सभी सात सबसे ऊंची चोटियों पर फतह हासिल करना है। इस उपलब्धि के साथ ही मेघा ने दुनिया के सातों महाद्वीपों में से चार महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटी फतह कर ली है। ऐसा करने वाली वे मध्य प्रदेश की पहली महिला पर्वतारोही है।

सिडनी से की थी एक्सपीडिशन शुरुआत

मेघा ने बताया कि एक्सपीडिशन की शुरुआत 29 फरवरी को सिडनी से की थी। जिंदाबायने होते हुए दो मार्च की सुबह वे थ्रेडबो पहुंची। थ्रेडबो में मौसम खराब था। 45 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही तेज हवाओं हमें परेशान करने लगी थी। कई बार उनका पैर भी फिसला, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। बाधाओं के बावजूद दोपहर एक बजे उन्होंने शिखर पर तिरंगा फहराया। मेघा ने कहा कि जैसे हर व्यक्ति अपने आप में अलग होता है, वैसे ही हर पहाड़ पर अलग-अलग तरीके की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। मैं इसके लिए लंबे समय से प्रैक्टिस कर रही थी।

किसान की बेटी है मेघा

सीहोर जिले के भोज नगर की मेघा के पिता दामोदर परमार एक किसान हैं और मां मंजू देवी हाउसवाइफ। मेघा को माउंट एवरेस्ट समिट की प्री-ट्रेनिंग मध्यप्रदेश के पर्वतारोही रत्नेश पांडे ने दी थी।

फिट रहेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया

मेघा ने माउंट कोशियासको पर एमपी टूरिज्म को प्रमोट किया। साथ ही ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ और ‘फिट रहेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया’ का संदेश भी दिया। इस साहसिक प्रयास को प्रोत्साहन देने के लिये मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड द्वारा सहयोग दिया जा रहा है ताकि प्रदेश की बेटियों को साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में प्रोत्साहन मिले, उनका मनोबल बढ़ सके और वे साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में सक्षम रूप से भागीदार बन सकें।

महिलाओं के लिए दिया संदेश
मेघा ने महिला दिवस के मौके पर सभी महिलाओं को संदेश दिया है कि आज की महिलाएं कुछ भी कर सकती है। वो इस दुनिया को पूरी तरह से बदल भी सकती हैं, बस उन्हें अपने अंदर की खूबियों को चुनना होगा। जिस क्षेत्र में वे अच्छी हैं उन्हें उसी क्षेत्र में आगे बढ़ना होगा। बच्चियों पर विश्वास करें और उन्हें आगे बढ़ाएं।

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