सरकार पर आए संकट के बीच मंत्रालय में हुई कैबिनेट के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंत्रियों से कुछ देर अनौपचारिक चर्चा की। इस दौरान कुछ मंत्रियों ने सरकार को खतरे से निकालने के लिए इस्तीफे की पेशकश भी कर दी। उन्होंने कहा कि यदि आपको (मुख्यमंत्री) किसी को मंत्रिपरिषद में समायोजित करना है तो हम पद छोड़ने के लिए तैयार हैं। पूरी कैबिनेट ने एक सुर में मुख्यमंत्री से कहा कि हम आपके साथ हैं, जो भी निर्णय लेंगे वो हमें मान्य होगा। बताया जा रहा है कि कुछ मंत्रियों को निकट भविष्य में मंत्री पद छोड़ना पड़ सकता है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस, निर्दलीय, सपा और बसपा के विधायक मंत्री बनाने को लेकर सरकार पर लंबे समय से दबाव बना रहे हैं।
बसपा विधायक रामबाई हों या फिर निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा, सार्वजनिक तौर पर अपनी इच्छा जाहिर भी कर चुके हैं। कांग्रेस विधायक बिसाहूलाल सिंह, केपी सिंह, हरदीप सिंह डंग, एंदल सिंह कंषाना का मंत्री नहीं बनाने को लेकर दर्द भी सामने आता रहा है। सरकार पर छाए संकट की मुख्य वजह इसे ही माना जा रहा है, इसलिए मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी विधानसभा के बजट सत्र के बाद मंत्रिमंडल विस्तार के संकेत दिए हैं। बताया जा रहा है कि शुक्रवार को मंत्रालय में हुई अनौपचारिक कैबिनेट बैठक के दौरान लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा सहित कुछ अन्य मंत्रियों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से कहा कि यदि आपको अन्य किसी को सरकार में समायोजित करना है तो हम पद छोड़ने के लिए तैयार हैं।
वर्मा की गिनती मुख्यमंत्री कमलनाथ के सबसे भरोसेमंद मंत्रियों में होती है। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने भी कुछ मंत्रियों को आगामी मंत्रिमंडल विस्तार में पद छोड़ने के लिए मानसिक रूप से तैयार रहने के संकेत दे दिए हैं। माना जा रहा है कि नए सदस्यों की जगह बनाने के लिए मुख्यमंत्री अपने और दिग्विजय सिंह के समर्थक मंत्रियों के इस्तीफे ले सकते है।