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ग्रीन जोन में MP के आधे जिले, अधिकारियों के साथ मिलकर नरोत्तम मिश्रा ने बनाई रणनीति !

भोपाल। महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली के बाद मध्य प्रदेश में कोरोना के मामले सबसे ज्यादा है। जबकि इंदौर में तो कोरोना थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। मध्य प्रदेश में कोविड-19 से संक्रमितों व्यक्तियों की संख्या बढ़कर 2,660 हो गई है। जबकि 482 मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं। गुरुवार की शाम से लेकर अब तक मध्य प्रदेश में सात लोगों की मौत हुई है। इस संक्रमण रोग से अब तक प्रदेश में कुल 137 लोगों ने दम तोड़ा है। इस बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा के साथ एक बैठक की। जिसमें प्रदेश के सभी जनपदों में स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों की समीक्षा की गई।

स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य अधिकारियों से बातचीत कर एक ऐसी रणनीति बनाने के निर्देश दिए जिसके जरिए जल्द-से-जल्द रेड जोन को ऑरेंज जोन में तो ऑरेंज जोन को ग्रीन जोन में तब्दील किया जा सकें।

35,000 हजार मजदूर वापस लौटे

मध्य प्रदेश सरकार दूसरे राज्यों में फंसे करीब 35,000 मजदूरों को वापस ला चुकी हैं। इसकी शुरुआत कोटा में फंसे छात्रों से हुई थी। अपर मुख्य सचिव आईसीपी केशरी ने बताया कि दूसरे राज्यों से लगभग 35,000 प्रवासी मजदूरों को हम वापस लेकर आ चुके हैं। इनमें राजस्थान से 25,000, गुजरात से 6,000, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र से 2,000-2,000 मजदूर शामिल हैं।

ग्रीन जोन में आधे जिले अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि भोपाल, इंदौर और उज्जैन रेड जोन में हैं। जबकि प्रदेश के आधे जिले ग्रीन जोन में और बाकी के ऑरेंज जोन में शामिल हैं। इतना ही नहीं मध्य प्रदेश सरकार ने बैठक कर 3 मई के बाद का खांका भी तैयार कर लिया है। मतलब कि किन-किन इलाकों में राहत दी जा सकती है और कहां-कहां पर लॉकडाउन जारी रहेगा।

बहुत तेजी से काम कर रहा मध्य प्रदेश

एक हिन्दी वेबसाइट पर छपी रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि प्रदेश सरकार कोरोना पर काबू पाने के लिए बहुत तेजी के साथ काम कर रही है। इतना ही नहीं कोरोना मरीजों की दर में भी कमी आई है। पिछले 24 अप्रैल से 11.04 फीसदी से घटकर यह दर 4.2 फीसदी पर आ गई है। वहीं, पिछले 10 दिनों में मृत्यु दर में भी गिरावट देखी गई है।

मंत्रिमंडल विस्तार से पहले तक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ‘वन मैन ऑर्मी’ की तरह कामकाज संभाल रहे थे और उन पर कोरोना से ठीक तरह से न निपट पाने के आरोप भी लग रहे थे। लेकिन 21 अप्रैल को हुए मंत्रिमंडल विस्तार के बाद प्रदेश की स्थिति पहले से बेहतर हुई है। हालांकि, स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा प्रदेश में बिगड़ी स्थिति के लिए कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को जिम्मेदार मानते हैं। मिश्रा का दावा है कि पहले की तुलना में प्रदेश की स्थिति में काफी सुधार आया है।

जांच दल का हुआ गठन

एक साक्षात्कार में नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि मध्य प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चर्चा के बाद सोमवार को भी जांच दल का गठन किया। जिसमें एक वरिष्ठ आईएएस व आईपीएस अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग का वरिष्ठ अधिकारी, खाद्य विभाग के अधिकारी समेत10 लोग शामिल हैं। इस दल का काम कोरोना प्रभावित शहरों में काम करना और रिपोर्ट तैयार करना है।

प्लाज्मा थेरेपी की शुरुआत

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से बातचीत के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने प्लाज्मा थेरेपी की शुरूआत की। इस बात की जानकारी खुद सूबे के स्वास्थ्य मंत्री ने रविवार को दी थी। नरोत्तम मिश्रा ने ट्वीट कर बताया था कि डॉ हर्षवर्धन से कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए दो दिन पूर्व किए गए मेरे अनुरोध पर, आपके निर्देशानुसार इंदौर के श्री अरविंदो मेडीकल कॉलेज से आज प्लाज्मा थैरेपी की शुरुआत हो गई है। मुझे उम्मीद है कि कोरोना पर विजय पाने में यह थेरेपी बेहद कारगर साबित होगी। आपके सहयोग के लिए हृदय से धन्यवाद।

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