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खुशखबरी: अब अध्यापकों को भी मिलेंगी शिक्षकों की तरह सुविधाएं और भत्ते

भोपाल। मध्य प्रदेश में अध्यापकों के लिए खुशखबरी है। सरकार ने मध्य प्रदेश 2.37 लाख अध्यापकों के लिए नया कैडर मप्र राज्य स्कूल शिक्षा सेवा तका निर्माण किया है। जिसके अंतर्गत गजट नोटिफिकेशन जारी कर सेवा शर्तें और भर्ती नियम भी बनाकर तैयार कर दिए गए हैं। अब सभी अध्यापकों को स्थानीय निकायों से पूरी तरह से मुक्ति मिल जाएगी। सेवा शर्तें और भर्ती नियम बदलने के बाद अब अध्यापक तीन की जगह एक ही विभाग स्कूल शिक्षा के अधीन रहेंगे। नए नियम के तहत सभी अध्यापक प्राथमिक शिक्षक, अध्यापक माध्यमिक शिक्षक और वरिष्ठ अध्यापक उच्च माध्यमिक शिक्षक की श्रेणी में आएंगे।

कंपलसरी होगी ई अटेंडेंस

ये सारी सेवा शर्ते जुलाई 2018 के कैडर के अंतर्गत आएगी। इन नियम के मुताबिक अब तीन साल तक ग्रामीण क्षेत्र के स्कूल में सेवा देने का अनुभव होने के बाद ही किसी भी पद पर प्रमोशन मिल पाएगा। साथ ही नई शर्तों में ई अटेंडेंस पूरी तरह से जरूरी हो जाएगी और अध्यापकों को ड्रेस पहनना भी जरूरी हो जाएगा। वहीं दूसरी ओर च्च माध्यमिक शिक्षक का हाईस्कूल प्राचार्य के पद पर प्रमोशन पाने के लिए प्रमोशन पात्रता परीक्षा को पास करना होगा, इसके बाद ही प्रमोशन मिल सकेगा।

ये भी होगा

शिक्षकों की नई भर्ती में भी अब शिक्षक पात्रता परीक्षा को पास करना अनिवार्य हो जाएगा। इस परीक्षा में एससी, एसटी, ओबीसी व दिव्यांगों को 50 प्रतिशत और अनारक्षित वर्ग के लोगों को परीक्षा में न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक लाना होगा। आपको बता दें कि अभी तक अध्यापक पंचायत, नगरीय निकाय और आदिवासी विभाग के तहत आते हैं लेकिन नई नियम और शर्तों के बाद अब वे स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत अपनी सेवाएं देंगे। बीते कुछ दिनों पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ही अध्यापकों का शिक्षा विभाग में संविलियन करने की घोषणा की थी, जिसके बाद अब उसमें अमल किया जा रहा है।

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