भोपाल। साल के अंत में होने वाला विधानसभा चुनाव सवा तीन लाख से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी कराएंगे। इन्हें मतदान केंद्रों के भीतर तैेनात किया जाएगा। 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में जिन अधिकारी-कर्मचारियों ने चुनाव कराए थे, उनकी ड्यूटी तो लगेगी पर जगह बदल जाएगी।
मौजूदा पदस्थापना और गृह क्षेत्र से दूर रखा जाएगा। कलेक्टरों को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने निर्देश दिए हैं कि 31 जुलाई तक अधिकारियों-कर्मचारियों को चिन्हित करके उनका नाम, पता, मोबाइल नंबर सहित अन्य जरूरी डाटाबेस एनआईसी द्वारा तैयार किए गए सॉफ्टवेयर में दर्ज कर दें।
प्रदेश में 65 हजार 341 मतदान केंद्र हैं। हर केंद्र पर एक पीठासीन अधिकारी और चार अन्य कर्मचारी रहते हैं। इस हिसाब से अधिकारियों और कर्मचारियों को ड्यूटी के लिए चिन्हित करके उनका पूरा ब्योरा डाटाबेस में रखा जाएगा। एनआईसी ने इसके लिए सॉफ्टवेयर भी तैयार कर दिया है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि 31 जुलाई तक डाटाबेस तैयार करके सॉफ्टवेयर में दर्ज कर दें। इसमें फोटोयुक्त मतदाता परिचय पत्र और नंबर, विधानसभा क्षेत्र का नाम, मतदान केंद्र का नाम, नंबर, मतदाता सूची में नाम का सरल क्रमांक, मोबाइल नंबर, निवास और कार्यालय का पूरा सहित अन्य जानकारी भी रहेगी।
मतदानकर्मियों के अलावा कलेक्टरों से विभिन्न् नोडल अधिकारी, सेक्टर ऑफिसर व मजिस्ट्रेट, माइक्रो ऑब्जर्वर, गणना सहायक, उड़न दस्ता, परिवहन दलों के लिए अधिकारियों एवं कर्मचारियों की आवश्यकता का आकलन कर उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। यदि किसी जिले में अधिकारी-कर्मचारियों की कमी सामने आती है तो संभागीय आयुक्त को मांग भेजकर पूर्ति कराई जाए।
सुरक्षाकर्मियों का आकलन अलग से
सूत्रों का कहना है कि मतदान और मतगणना के लिए सुरक्षा अमले का आकलन अलग से किया जाएगा। कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक मिलकर इस काम को अंजाम देंगे। इसके आधार पर चुनाव आयोग से केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल की मांग की जाएगी।
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