आज दिनांक को जिला अभियोजन अधिकारी मो. अकरम शेख द्वारा बताया गया कि, न्यायालय श्री अनुप्रिया पाराशर न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी इंदौर के समक्ष थाना एमआईजी के अप.क्र.18/2020 धारा 420, 467, 468, 471, 120-बी भादवि में गिरफ्तारशुदा आरोपी जितेन्द्र सोनी उर्फ जीतू सोनी पिता जगजीवनदास उम्र 62 वर्ष, निवासी 1170/7 आलोक नगर कनाडिया रोड इंदौर को पुलिस अभिरक्षा पश्चात पेश किया गया था। आरोपी से अपराध के संबंध में पूछताछ हेतु एवं प्लॉट नं. 215, 216 की मूल रजिस्ट्री एवं आरोपी विक्रम व गोपाल के साथ मिलकर रामस्वरूप शर्मा व माणिक बाई शर्मा का जो फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार किया गया उसे जप्त करने एवं फर्जी अनिल व बलराम शर्मा बनकर दस्तावेज तैयार कर तथा उक्त प्लाटो की रजिस्ट्री के संबंध में पूछताछ एवं दस्तावेज जप्त करने हेतु दिनांक 01.08.2020 तक का पुलिस रिमांड चाहा गया। अभियोजन की ओर से एडीपीओ श्री अभिषेक जैन द्वारा वीसी के माध्यम से उपस्थित होकर तर्क रखे गए। न्यायालय द्वारा तर्को से सहमत होते हुए आरोपी का दिनांक 31.07.2020 तक का पुलिस रिमांड स्वीकार किया गया।
अभियोजन की कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि फरियादी ने थाने पर एक शिकायती आवेदन प्रस्तुत किया, फरियादी ओमप्रकाश ने बताया कि मैने मेसर्स इंदौर लेंड एल फायनेंस प्रा.लि. द्वारा श्री नगर कॉलोनी खजराना रोड इंदौर में प्लॉट विक्रय किए गए थे। दिनांक 11.06.1963 को कॉलोनी का प्लाट नं.216 को उसके पूर्व उक्त इंदौर लेंड एल फायनेंस प्रा.लि. द्वारा श्री नगर कॉलोनी खजराना रोड इंदौर द्वारा श्रीमती मानक शर्मा को विक्रय किया गया था। उक्त विक्रय लीज बीड के द्वारा किया गया था। उक्त प्लाट को 1971 में शशिकला बाई द्वारा मुझ फरियादी को विक्रय किया गया। जो उक्त दिनांक से मेरे आधिपत्य एवं मालिकीय संपत्ति है। उक्त कॉलोनी में मेरे द्वारा प्लाट नं. 215 को भी खरीदा गया था, उक्त प्लाट का भी मैं वास्तविक मालिक हूं। मेरे दोनों उक्त प्लाटों को लेकर कई बार कई लोगों ने फर्जी तरीके से खरीदने एवं बेचने का फर्जी एग्रीमेंट एवं जाहिर खबरे प्रकाशित की, मुझे मालूम पडने पर मेरे द्वारा खंडन किया गया एवं अवैध कार्य होने से रोकने का प्रयास किया गया। मेरे भूखंडो पर अवैध कब्जा भी किया गया, जिसके संबंध में मैंने 25.01.11 को पुलिस में कार्यवाही हेतु आवेदन दिया पर कोई कार्यवाही नही की गई। मैंने अवैध कार्यवाही करने वाले संबंधित पक्षो को अभिभाषकों के माध्यम से सूचना पत्र भिजवाये एवं जाहिर सूचना का खंडन भी किया। अत: मुझे ज्ञात हुआ कि प्लाट क्र. 216 श्री नगर इंदौर को विक्रय पत्र 31.07.2015 के द्वारा अवैधानिक रूप से अनिल शर्मा पिता रामस्वरूप शर्मा व बलराम शर्मा द्वारा जितेन्द्र सोनी इंदौर को पंजीकृत पत्र द्वारा कर दिया गया है। इसी प्रकार प्लाट नं. 251 को भी उक्त लोगो ने जीतू सोनी को विक्रय कर दिया है जो अवैधानिक रूप से पंजीकृत एवं कूटरचित दस्तावेज बनाकर मेरी संपत्ति को विक्रय किया है। यह कि आरोपीगण न तो मेरी संपत्ति को विक्रय करने के लिए अधिकृत थे और ना ही उनके पास कोई अधिकार प्राप्त था। उन्होंने मेरी संपत्ति को अपनी संपत्ति बताकर मेरे भूखंडो का विक्रय किया एवं खरीददार द्वारा यह जानते हुए कि उक्त व्यक्ति हकदार नही है उसे क्रय किया और मेरे भूखंडो पर अवैधानिक रूप से जबरदस्ती कब्जा किया यह कि अपराधियों ने जान बूझकर, आपस से एक मत होकर मेरी संपत्ति हडपी है अत: आरोपीगण के विरूद्ध कार्यवाही की जाएं। उक्त आवेदन की जांच पश्चात अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।