दिल से दिल तक जुड़ा तार है मित्रता
इस सुहाने जीवन का आधार है मित्रता
धूप में भी है छांव के जैसी
मेरे जीवन का सार है मित्रता
मेरी प्रिय सखी है मेरी कलम
उसने बताया मुझे त्यौहार है मित्रता
थाम ले कलम हाथ आपका यह दिव्य दुआ है
मैं तो यही कहूंगी बौछार है मित्रता
जो सबके दिलों को आसानी से छू ले
मेरे लिए तो वह व्यवहार है मित्रता।

दिव्या भागवानी
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