सागर। न्यायालय- श्रीमती नीलू संजीव श्रृंगीऋषि विशेष न्यायाधीश/नवम अपर सत्र न्यायाधीश पाॅक्सो एक्ट सागर के न्यायालय ने आरोपी का जमानत का आवेदन को निरस्त करने का आदेश दिया गया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जमानत आवेदन पर राज्य शासन की ओर से वरिष्ठ सहा0 जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन, सागर ने शासन का पक्ष रखा।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि पीड़िता जिसकी उम्र 17 साल है, ने अपनी माॅ के साथ थाना उपस्थित होकर रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसके पिता (आरोपी) घर के अन्य सदस्यों को घर से बाहर निकाल कर उसके साथ छेडछाड करता है। दिनांक 29.07.2020 को शांम करीब 04 बजे परिवार के अन्य सदस्य छत पर थे, तभी आरोपी पिता ने दरवाजा बंद कर अश्लील हरकत एवं लौगिंक शोषण करने लगा। पीडिता के चिल्लाने पर आस-पास के लोगो ने उसकी माॅ को बताया, माॅ ने दरवाजा खुलवाया तब पीडिता ने सारी घटना अपनी माॅ को बताई। थाना मोतीनगर ने प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया गया। आरोपी कोे गिरिफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया। आरोपी के अधिवक्ता ने जमानत आवेदन न्यायालय में प्रस्तुत किया। जहां अभियोजन ने जमानत आवेदन का विरोध किया एवं तर्क दिया कि आरोपी द्वारा नाबालिग बालिका का पिता होकर लौगिंक अपराध कारित कर रिस्तों एवं मानवता को शर्माशार किया है। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी का प्रस्तुत जमानत हेतु धारा 439 दप्रसं का आवेदन निरस्त कर दिया गया।