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नाबालिक का लौगिक शोषण करने वाले आरोपी की जमानत निरस्त

सागर। न्यायालय- श्रीमती नीलू संजीव श्रृंगीऋषि विशेष न्यायाधीश/नवम अपर सत्र न्यायाधीश पाॅक्सो एक्ट सागर के न्यायालय ने आरोपी आनन्द पिता राजकुमार अहिरवार का आवेदन को निरस्त करने का आदेश दिया गया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जमानत आवेदन पर राज्य शासन की ओर से वरिष्ठ सहा0 जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन, सागर ने शासन का पक्ष रखा।

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि फरियादिया ने लिखित आवेदन पेश किया कि दिनांक 30.06.2020 के करीबन 11ः00 बजे फरियादिया अपने पति के साथ काम से घर से बाहर गये थे। उसकी पुत्री (पीडिता) जिसकी उम्र 09 साल है, घर पर अकेली थी तभी करीब 12ः00 बजे  पडोस में रहने वाला आरोपी आनन्द आया और पीडिता से पूछने लगा कि तुम्हारे मम्मी पापा कहां है, पीडिता ने बताया कि घर पर नही है बाहर गये है तो आरोपी ने दरबाजा बन्द कर बुरी नियत से पीडिता को पकड कर अन्दर ले गया और उसके साथ गलत काम करने लगा। पीडिता चिल्लाई तो आरोपी ने माॅ की कसम दी और कहा कि अगर तुम चिल्लाई तो तुम्हारी माॅ को जान से खतम कर देगे। पीडिता ने पास में रखी चाकू उठाकर कर आरोपी को वहा से जाने के लिए कहा तब आरोपी भाग गया। पीडिता ने माॅ को फोन करके जल्दी ही घर आने को कहा, फरियादिया के घर आने पर पीडिता ने पूरी घटना बतायी। थाना केन्ट ने लिखित आदेवन के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर प्रकरण पंजीबद्ध किया और विवेचना मे लिया गया। आरोपी आनन्द कोे गिरिफ्तार कर न्यायालय में पेष किया गया। आरोपी आनन्द के अधिवक्ता ने जमानत आवेदन न्यायालय में प्रस्तुत किया। जहां अभियोजन ने जमानत आवेदन का विरोध किया गया। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी आनन्द अहिरवार का प्रस्तुत जमानत हेतु धारा 439 दप्रसं का आवेदन निरस्त कर दिया गया।

 

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