लोकतंत्र की रक्षा मतदाताओं को ही करनी होगी: डॉ. रामजी दास राठौर
भारतीय लोकतंत्र की रक्षा करने के लिए मतदाताओं को जागरूक करते हुए डॉ रामजी दास राठौर शिक्षाविद एवं समाजसेवी ने बताया कि भारतीय लोकतंत्र की रक्षा करने के लिए मतदाताओं को ही को सार्थक पहल करनी होगी. चुनाव आयोग द्वारा किए गए प्रयास भारतीय लोकतंत्र की रक्षा नहीं कर पा रहे हैं. चुनाव आयोग द्वारा भारत में निष्पक्ष चुनाव करने के कराने के लिए पूर्ण प्रयास किए जाते हैं लेकिन वह प्रयास केवल कागजों में सिमट कर रह जाते हैं.
हकीकत की दुनिया में हर वोट की कीमत देकर लोकतंत्र का मजाक उड़ाया जाता है. किसी भी प्रकार की संवैधानिक व्यवस्था भारतीय लोकतंत्र को बचाने के लिए की जाए उसमें कुछ ना कुछ कमी रह जाती है और उसी कमी का फायदा उठाकर राजनीतिक दल मतदाता की भावनाओं का अनादर करते हैं. भारत में दल बदल कानून का मज़ाक विधायकों द्वारा इस्तीफा देकर उड़ाया जा रहा है.
सत्ता में कोई भी दल रहा हो उनकी सभी प्रकार की नीतियों में आम आदमी को सुविधा देने का जो वचन दिया जाता है वह वचन किसी भी प्रकार से उनके द्वारा नहीं निभाया जाता है क्योंकि यदि मुद्दे ही समाप्त हो जाएंगे तो चुनावों में चर्चा किस बात पर होगी. जबकि लोकतंत्र में आम आदमी को केंद्र में रखते हुए यह प्रयास किया जाना चाहिए कि सरकार सकारात्मक पहल करते हुए जनमानस को सभी प्रकार की सुविधाएं प्रदान कर सके. जिससे कि लोकतंत्र का उद्देश्य सफल हो.
भारत में चुनाव किसी भी राज्य में हो. चुनाव आयोग के दिशा निर्देशों के बावजूद चुनावों में अत्यधिक मात्रा में पैसा खर्च किया जाता है.मतदाताओं को शराब, साड़ी,कंबल,डर,लालच, नगद रुपए बांटकर उनका मत खरीदा जाता है. चुनाव खर्च की सीमाओं से कई गुना धन चुनाव में खर्च किया जाता है तथा इस खर्च किए हुए धन की वसूली आने वाले वर्षों में लागू की गई योजनाओं में भ्रष्टाचार के माध्यम से की जाती हैं.
यदि भारतीय लोकतंत्र की रक्षा करना है तो आम जनमानस में यह जागृति आना बहुत आवश्यक है कि चुनाव के समय आप उम्मीदवार का चयन बहुत सावधानी पूर्वक करें. कोई भी उम्मीदवार यदि आपको लालच देकर आपका वोट खरीदता है,वह किसी भी स्थिति में आपको आपके हक की सुविधाएं प्रदान नहीं करेगा. आपने केवल अपना मत उम्मीदवारों को नहीं बेचा है बल्कि आने वाली पीढ़ियों का भविष्य भी उनके हाथों बेच दिया है जो आपके और आपके परिवार, समाज के लिए भविष्य में नुकसानदायक होगा. एक जागरूक मतदाता होने के नाते आपको हमेशा यह सावधानी रखनी होगी कि हम अपने मत को किसी भी स्थिति में ना बेचें.
कोई भी उम्मीदवार जितना ज्यादा पैसा खर्च कर रहा है उन उम्मीदवारों का बहिष्कार करें, क्योंकि यह हमेशा याद रखें चुनाव अब राजनैतिक सेवा ना होकर एक व्यापार बन गई है. चुनावों के समय उम्मीदवार अत्यधिक मात्रा में पैसा खर्च कर विनियोग करते हैं और आने वाले 5 सालों में उस विनियोग का हजारों गुना रिटर्न प्राप्त करते हैं तथा आम जनता को उनके हक की कोई भी सुविधा प्रदान नहीं करते हैं.
बेरोजगार,युवा, किसान, महिला गरीब,पिछड़े,सभी लोग शासन की सुविधाओं की ओर मुंह ताकते रहते हैं और मुट्ठी भर लोग अपना प्रभाव दिखा कर शासन की समस्त सुविधाओं का प्रयोग करते रहते हैं और आम जनता उन सुविधाओं से वंचित हो जाती है.
यदि हम सब ने अपनी जागरूकता का परिचय देकरउन उम्मीदवारों का चयन किया जो ईमानदार छवि, कर्तव्यनिष्ठ, सामान्य आर्थिक व्यय करने वाले तथा अपने द्वारा कही गई बात को पूरा करने वाले हैं, तो वह दिन दूर नहीं जब सर्वांगीण क्षेत्रों का विकास भारतीय लोकतंत्र के चुने हुए प्रहरियों द्वारा किया जाए.
जनप्रतिनिधियों द्वारा आम जनता को अनेक अवसरों पर कहा गया है कि जिस समय हम आपसे वोट मांगने आए थे आपने अपने वोट की कीमत हमसे वसूल कर ली थी अब हम आपको सुविधाएं किस आधार पर दें. मेरा आप सभी मतदाताओं से विनम्र अनुरोध है कि आप अपने मत का सदुपयोग करें एवं भारतीय लोकतंत्र के रक्षक बने. यदि हमने अब भी गलत लोगों का चयन किया तो यह भारतीय लोकतंत्र की परंपरा बन जाएगी कि जनादेश का निरादर करो, सरकारों को अस्थिर करो तथा शासकीय मशीनरी का दुरुपयोग कर आम जनमानस की मतदान क्षमता को प्रभावित करो जोकि हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए काफी कष्टकारी होगा. मुझे आप सभी मतदाताओं पर पूर्ण भरोसा है कि आप आगामी सभी प्रकार के चुनावों में अपने मत का सदुपयोग करेंगे तथा जनप्रतिनिधियों को एक स्पष्ट संदेश देंगे कि हमने आपको निर्धारित दलों के उम्मीदवार के रूप में 5 वर्षों के लिए चुना है. आप आम जनता की सेवा ईमानदारी से करें.यदि आपने ईमानदारी नहीं दिखाई तो हम आप के स्थान पर योग्य उम्मीदवारों का ही बिना किसी जात-पात,धर्म के चयन करेंगे जो भारतीय लोकतंत्र की रक्षा करने के लिए अनिवार्य है.