
भोपाल। मप्र विधानसभा का पावस सत्र इस बार हंगामेदार होने के आसार हैं। विपक्ष में बैठी भाजपा लोकसभा चुनाव में मिली जबरदस्त जीत के सहारे सरकार को कर्ज माफी से लेकर कानून व्यवस्था आदि मुद्दों पर घेरेगी तो सत्ता पक्ष भी भाजपा को उसके नेताओं के कानून व्यवस्था बिगाड़ने के मुद्दों पर घेराबंदी करेगी।
विधायक आकाश विजयवर्गीय द्वारा इंदौर नगर निगम के अधिकारी की क्रिकेट के बल्ले से पिटाई के मुद्दे पर कांग्रेस, भाजपा को कठघरे में खड़ा करेगी तो हरदा, नरसिंहपुर में भाजपा नेताओं के परिजन के कारण कानून व्यवस्था बिगड़ने के मुद्दों को भी उठाकर पलटवार करेगी।
मध्य प्रदेश की पंद्रहवीं विधानसभा का तीसरा सत्र आठ जुलाई से शुरू होने जा रहा है जो 26 जुलाई तक चलेगा। 15 बैठकों के इस सत्र में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही एक-दूसरे की घेराबंदी की तैयारी में हैं। कांग्रेस ने अपनी तैयारी के लिए रविवार को विधायक दल की बैठक बुलाई है, जिसमें विपक्ष के आरोपों से सरकार को बचाने की रणनीति पर विचार किया जाएगा। पावस सत्र के लिए विधानसभा सचिवालय को 4362 प्रश्नों के माध्यम से भाजपा-कांग्रेस विधायक अपने क्षेत्रों की समस्याओं के साथ सरकार को घेरेंगे।
सबसे ज्यादा सवाल कृषि विभाग के हैं, जो कर्ज माफी से जुड़े हैं। इसके अलावा आपराधिक घटनाओं के बढ़ने और कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने जैसे गृह विभाग से जुड़े सवाल होंगे। गर्मी में पानी की समस्या से जूझे प्रदेश की परिस्थितियों को देखते हुए विधायकों ने पीएचई के भी काफी सवाल किए हैं।
सरकार की नाकामियों को सदन में उठाया जाएगा : भार्गव
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने बताया है कि भाजपा पावस सत्र के लिए पूरी तरह तैयार है। सरकार की छह माह की असफलताओं को सत्र में उठाया जाएगा। प्रश्नों के माध्यम से भाजपा विधायकों ने सरकार की नाकामियों को उठाया है तो ध्यानाकर्षण, स्थगन प्रस्ताव और अन्य माध्यम से भी विभिन्न् मुद्दों को उठाया जाएगा। सरकार को जवाब देने के लिए मजबूर किया जाएगा।