प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से पहले बुधवार को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संत कबीर की मजार पर जायजा लेने पहुंचे. यहां जब उन्हें एक मौलवी ने टोपी पहनाने की कोशिश की तो उन्होंने उसका हाथ पकड़कर पीछे कर दिया.जब वह कबीर की समाधि पर पहुंचे, जहां प्रधानमंत्री मोदी कबीर 500वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे. यहां मजार की देखरेख करने वाले खादिम हुसैन ने योगी को टोपी पहनने की पेशकश की तो योगी ने उनका हाथ पकड़कर पीछे कर दिया.
फाइनेंशियल एक्सप्रेस के मुताबिक, जब मजार की देखभाल करने वाले खादिम हुसैन ने जब योगी आदित्यनाथ को टोपी पहनाने की कोशिश की तो उन्होंने उसका हाथ पकड़कर बोला ‘रुको-रुको… हो गया.’ इसके बाद खादिम ने उन्हें इस टोपी को अपने हाथ में पकड़ने की गुजारिश की जिसके बाद उन्होंने टोपी अपने हाथ में पकड़कर फोटो खिंचवाई.खादिम ने कहा ‘योगी आदित्यनाथ ने बहुत आराम से मुझे टोपी पहनने से इनकार किया. उन्होंने जब मना किया तो उनके चेहरे पर मुस्कान थी.’इस पर कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि यह टोपी किसी धर्म की प्रतीक नहीं है. यह सम्मान की भी प्रतीक है. मुख्यमंत्री को सबको साथ लेकर चलना चाहिए. यदि आपको कोई टोपी पहनाने की पेशकश करता है तो उन्हें इसका सम्मान करना चाहिए था.जबकि यूपी के अकेले मुस्लिम मंत्री मोहसिन रजा ने योगी आदित्यनाथ का बचाव किया है. उन्होंने कहा धार्मिक गुरुओं को इस प्रकार से प्रतिक्रिया देने से बचना चाहिए. उन्होंने टोपी पहनाने के पीछे की भावनाओं पर भी सवाल उठाए हैं.इससे पहले 2011 में गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने भी अहमदाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान मुस्लिम टोपी पहनने से इनकार कर दिया था.
मजार पर योगी आदित्यनाथ ने किया टोपी पहनने से इनकार
मजार की देखभाल करने वाले खादिम हुसैन ने जब योगी आदित्यनाथ को टोपी पहनाने की कोशिश की तो उन्होंने उसका हाथ पकड़कर बोला ‘रुको-रुको… हो गया.’