भोपाल: मध्य प्रदेश में इसी साल 2018 में विधानसभा चुनाव होने हैं. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ही विधानसभा चुनाव कमर कस ली है. साथ ही दोनों पार्टियों ने चुनाव में जीत हासिल करने के लिए रणनीतियां बनाना शुरू कर दिया है. वहीं सियासी गलियारों में चर्चा है कि कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट की बनाने की तैयारी भी शुरू कर दी है. रविवार (6 मई) को मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने दिल्ली में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात भी की थी. बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष कमलनाथ ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से टिकिट वितरण को लेकर मंत्रणा की थी. कमलनाथ ने चर्चा के दौरान कांग्रेस के विधानसभा उम्मीदवारों की पहली सूची अगस्त में जारी करने की भी बात रखी. वहीं खबर है कि कम अंतर से हारी गई सीटों पर खास रणनीति के लिए कमलनाथ ने कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ साढ़े तीन घंटे बैठ कर चर्चा की.
रणनीति की बात करें, तो कांग्रेस चाहती है कि प्रदेश की सभी सीटों पर एक सर्वे कराया जाए. सर्वे के बाद जो नाम सामने आएं, उन्हें ही विधानसभा चुनाव में टिकट दिया जाए. पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने इसके लिए हामी भी भर दी है. कांग्रेस की एक सर्वे टीम जल्द ही प्रदेश का दौरा कर नामों पर विचार-विमर्श करेगी. कहा जा रहा है कि सर्वे में केवल उन उम्मीदवारों के नाम ही आगे बढ़ाए जाएंगे, जो कांग्रेस को जीत दिला सकें. सर्वे टीम मई के अंत तक विधानसभा में उम्मीदवारों की लिस्ट बनाकर कर AICC को सौंप देगी. साथ ही पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने इस बार उम्मीदवारों के नाम की घोषणा से पहले ही आपसी मनमुटाव और भितरघात की स्थितियों को खत्म करने के लिए कमलनाथ को निर्देशित किया है. अगर ऐसा हो जाता है, तो ये कांग्रेस के लिए सत्ता का वनवास खत्म करने की राह आसान कर सकता है. वहीं बताया जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने उम्मीदवारों के नाम का एक सर्वे पहले ही करा लिया है.
वहीं पार्टी सूत्रों की मानें, तो प्रदेश कांग्रेस ने करीब 70 सीटों पर उम्मीदवार के नाम तय कर लिए हैं. इन नामों पर केवल शीर्ष नेतृत्व और सर्वे टीम की मुहर लगने का इंतजार है. कमलनाथ इस बार कांग्रेस की सत्ता में वापसी के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं. कमलनाथ ने प्रदेश में संगठन को मजबूत करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. वहीं बताया जा रहा है कि कमलनाथ इस बार उन सीटों पर अधिक मेहनत करेंगे, जहां से कांग्रेस पिछले तीन या छह चुनावों से लगातार शिकस्त खा रही है. कहा जा रहा है कि कमलनाथ का पहली सूची जारी करने के पीछे कांग्रेस के उम्मीदवार को काम करने के लिए भरपूर वक्त देना ओर बीजेपी से चुनावी तैयारी में आगे निकलना मकसद है. आपको बता दें कि वर्तमान में कांग्रेस के 57 विधायक हैं. वहीं प्रदेश में करीब 20 ऐसी सीटें हैं, जिन पर बीते चुनाव में मोदी-शिवराज लहर और भितरघात की वजह से हार मिली थी.
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