शिवपुरी। बैराड़ थाना पुलिस द्वारा 3 लाख रुपये की चोरी गई कटर मशीन को बरामद कर एक आरोपी की गिरफ्तारी जरूर की गई, लेकिन इस कार्रवाई ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। वजह यह है कि इस पूरे मामले में एक आरोपी को पकड़ने में 466 दिन और 9 पुलिसकर्मियों की टीम लगी रही, जबकि तीन अन्य आरोपी अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।
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गौरतलब है कि यह चोरी की वारदात 29 फरवरी 2024 की रात ग्राम टोडा में हुई थी, जहां से किसान उदय सिंह धाकड़ की कटर मशीन अज्ञात बदमाश उठा ले गए थे। पुलिस ने इस पर अपराध क्रमांक 70/2024 धारा 379 भादवि के तहत मामला दर्ज किया और जांच शुरू की।
जिला पुलिस अधीक्षक अमन सिंह राठौर के निर्देश पर, एएसपी संजीव मुले और एसडीओपी संजय चतुर्वेदी के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी रविशंकर कौशल ने एक विशेष टीम बनाकर पड़ताल शुरू की। लेकिन इस चोरी का एक आरोपी देवेन्द्र गोस्वामी पुलिस के हाथ 466 दिन बाद 8 जून 2025 को आया, वह भी मुखबिर की सूचना पर। पूछताछ में उसने अपने तीन साथियों के नाम उजागर किए— सोनू गिरी, विजय उर्फ ब्रजेश गिरी और धर्मवीर धाकड़ के नाम है, लेकिन वे अभी भी फरार हैं।
अब सवाल ये है कि जब एक आरोपी को पकड़ने में पुलिस को 466 दिन का वक्त लग गया, तो बाकी तीनों को पकड़ने में और कितने दिन लगेंगे? यदि यही रफ्तार रही, तो अनुमानतः बाकी आरोपियों तक पहुंचने में 1,398 दिन, यानी लगभग 4 साल और लग सकते हैं?
इस कार्यवाही में थाना प्रभारी समेत 9 पुलिसकर्मियों की टीम लगी रही, जिसमें उपनिरीक्षक, प्रधान आरक्षक और आरक्षकों की भूमिका रही। हालांकि कटर मशीन की बरामदगी और एक आरोपी की गिरफ्तारी प्रशंसनीय है, लेकिन बाकी आरोपियों की तलाश अभी भी एक अधूरी कहानी बनी हुई है। जनता अब पूछ रही है—क्या बाकी आरोपियों को पकड़ने में भी एक-एक साल लगते रहेंगे?
