शिवपुरी। स्वास्थ्य विभाग की सख्ती के बावजूद शहर के पांच मेडिकल स्टोर संचालक अब भी मनमानी करते नजर आ रहे हैं। एक माह पहले विभाग ने इन मेडिकल स्टोर्स को बिना डॉक्टर की सलाह के गर्भपात की दवाएं बेचने पर नोटिस जारी किए थे और स्पष्ट निर्देश दिए थे कि बिना डॉक्टर की पर्ची के दवा न दी जाए। साथ ही दुकान के बाहर स्पष्ट सूचना वाले बैनर लगाने के लिए भी कहा गया था। लेकिन न तो इन निर्देशों का पालन किया गया और न ही चेतावनियों का कोई असर दिखा।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. संजय ऋषिश्वर ने कपिल मेडिकल, उषा मेडिकल, शिव मेडिकल, बाबा मेडिकल और नरेश मेडिकल स्टोर्स को एमटीपी किट बिना चिकित्सकीय परामर्श बेचे जाने पर नोटिस जारी किए थे। चेतावनी दी गई थी कि दोबारा ऐसा करते पाए जाने पर संबंधित स्टोर का पंजीयन निरस्त कर दिया जाएगा। इसके बावजूद किसी भी संचालक ने दुकान पर चेतावनी संबंधी बैनर नहीं लगाए।
सीएमएचओ ने मामले की जांच की जिम्मेदारी अनीता पाल को सौंपी थी, लेकिन स्थानीय स्तर पर नियमों के पालन की स्थिति जांचने की कोई पहल नहीं हुई। यही कारण है कि संबंधित मेडिकल स्टोर संचालकों ने स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों को गंभीरता से नहीं लिया।
अब सवाल उठता है कि जब नोटिस का पालन कराने की जिम्मेदारी अधिकारियों को दी गई है, तो वे खुद इस पूरे मामले को लेकर कितने सक्रिय हैं? विभागीय लापरवाही के चलते संवेदनशील दवाएं अब भी खुलेआम बिना डॉक्टर की अनुमति के बिक रही हैं, जो न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि महिलाओं की सेहत के लिए भी गंभीर खतरा बन सकता है।
स्वास्थ्य विभाग ने अब फिर से कार्रवाई के संकेत दिए हैं, लेकिन सवाल यही है कि क्या इस बार वास्तव में कुछ ठोस होगा, या फिर यह मामला भी फाइलों में दब जाएगा?
