शिवपुरी शहर में रहने वाली रिया माथुर और दिव्या भगवानी ने रूबरू ओपन माइक का आयोजन किया जिसमें कई युवा युवक एवं युवतियों ने भाग लिया,
दिव्या भगवान ने कहा- मुस्कुराकर सभी के दिलों में उतर जाइए, आज भीड़ गुमसुम है, आप मुस्कुराकर भीड़ से अलग नज़र आईये।
रीया माथुर ने कहा- इश्क़ के खातिर हम ढूंढ रहे हर महफूज ठिकाना,
अभी ऐतबार को वक़्त हैं, थोड़ा सीखो मुस्कुराना.
वैशाली पाल ने सुनाया कि –
अगर जाना है तो शौक से जाइए,
दिल करे जो कभी तो चले आइए,
जितना मर्जी है उतना बदलिए सनम ,
कभी जो हम बदले तो फिर ना फरमाइए।
अपूर्वा श्रीवास्तव ने कहा
काईनात को खुश्क पड़ता
खलिशों को मिटाते देखा है
उसे मुझे पसंद करते
मैंने अपनी आंखों से देखा है।
कनीका गौतम ने कहाएक छोटा सा ख्वाब है, एक अधूरा सा सपना
जो दिल को समझ सके ऎसा कोई अपना
वीवेक वासवानी ने कहा
बाँधा है मेने तेरे नाम का मन्नत का धागा
ख्वाहिश इतनी ही है की हर दुआ मेरी कबूल हो जाये
: यश खरे ने एक सवाल किया
कि दिल और दोस्ती में से आप किसे चुनोगे
शुभम शर्मा ने एक खूबसूरत नग्मा सुनाया
आशीश शर्मा ने कहा
बेमतलब, बेफिज़ूल, बेकार नहीं हैं,
ये कैसे कह सकते हो मुझे तुमसे प्यार नहीं है।
सिमरन कोटिया ने कहा ना इजहार वो कर पा रहा है ,ना हकीकत मैं बता पा रही हूँ
कैसी कशमकश में फंस गये दोनों,
ना वो जता पा रहा है ना मैं बयाँ कर पा रही हूँ
