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विभागों से मांगी जानकारी : 60 विभागों की 152 योजनाओं की हकीकत आई सामने
भोपाल। प्रदेश सरकार पिछली शिवराज सरकार (shivraj singh ) के कार्यकाल की योजनाओं (Plans) की हकीकत जुटा रही है। बजट में आमजन को इसकी जानकारी दी जाएगी। वित्त विभाग ने इसके लिए महकमों से जानकारी बुलाई है। बजट (budget )की माथापच्ची कर रही कमलनाथ सरकार उन योजनाओं पर राशि खर्च करने के मूड में नहीं है, जो समाज के लिए उपयोगी नहीं है। सरकार (government) यह जानना चाहती है कि शिवराज सरकार (shivraj government) ने जिन योजनाओं (Plans ) पर अधिक राशि खर्च की थी, प्रोत्साहन दिया था, उनकी क्या स्थिति रही।
पुस्तिका में भी प्रकाशित करना चाहती है
शिवराज सरकार ने विभिन्न वर्गों को साधने के लिए कई योजनाएं घोषित कर दी थीं। ऐसी 60 विभागों की 152 से योजनाएं सामने आई हैं। विभागों से जानकारी मिलने के बाद इनके बारे में फैसला होगा। इनमें से ज्यादातर ऐसी हैं, जिन्हें बंद भी कर दिया जाए तो कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसे आर्थिक सुधार कहा जा रहा है। सरकार इन योजनाओं की जमीनी हकीकत बजट पुस्तिका में भी प्रकाशित करना चाहती है।
शिवराज सरकार ने विभिन्न वर्गों को साधने के लिए कई योजनाएं घोषित कर दी थीं। ऐसी 60 विभागों की 152 से योजनाएं सामने आई हैं। विभागों से जानकारी मिलने के बाद इनके बारे में फैसला होगा। इनमें से ज्यादातर ऐसी हैं, जिन्हें बंद भी कर दिया जाए तो कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसे आर्थिक सुधार कहा जा रहा है। सरकार इन योजनाओं की जमीनी हकीकत बजट पुस्तिका में भी प्रकाशित करना चाहती है।
आय के नए रास्ते खोज रही है सरकार
राज्य के खजाने की माली हालत खराब है। किसान कर्ज माफी सहित अन्य योजनाओं के लिए सरकार को राशि की व्यवस्था करना है, इसलिए आय बढ़ाने के नए रास्तों पर भी मंथन किया जा रहा है।
प्रमुख योजनाओं की स्थिति
बेटी बचाओ योजना : बेटियों के लिए शुरू की गई यह योजना भाजपा सरकार की चर्चित योजनाओंं में से एक है। बेटी बचाओ और स्वागतम् लक्ष्मी योजना केन्द्र की बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ योजना में मर्ज किए जाने की तैयारी है।
तीर्थ दर्शन योजना :
बुजुर्गों के शुरू की गई यह योजना शिवराज सरकार को खूब प्रसिद्धि मिली। कांग्रेस सरकार भी इस योजना को निरंतर रखने का विचार है। इसमें कुछ और नए प्रावधान जोड़े जाने की तैयारी है।
पुरस्कार योजना :
राज्य सरकार ने कर्मचारी नेता स्व. देवी प्रसाद शर्मा की स्मृति में पुरस्कार की घोषणा की। एक लाख रुपए बजट में शामिल भी किए, लेकिन इसका उपयोग नहीं हो पाया। दधीचि पुरस्कार के लिए भी बजट प्रावधान के बाद भी इसे खर्च नहीं किया गया।
मीसाबंदी पेंशन :
भाजपा सरकार ने मीसाबंदियों के लिए पेंशन योजना शुरू की थी। इन्हें हर माह 25 हजार रुपए महीना पेंशन दी जाती है। इस पर 75 करोड़ रुपए खर्च आता है।