मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री जीतू पटवारी ने शिवराज के उस बयान को निशाना बनाया जिसमें उन्होंने पीएम मोदी और अमित शाह की पूजा करने की बात कही थी। साथ ही नेहरू की आलोचना करने पर भी पटवारी ने पूर्व मुख्यमंत्री को खरी-खोटी सुनाई।
मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री जीतू पटवारी ने शिवराज सिंह चौहान को चापलूस बताया है। (मंथन न्यूज)
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस और मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी के बीच वाक्-युद्ध जारी है। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ‘चाटुकार’ करार दिया। पटवारी ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान प्रदेश की सत्ता से बाहर होने के बाद पीएम मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की चापलूसी में व्यस्त हैं। गौरतलब है कि शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि पहले वह मोदी और शाह को अपना नेता मानते थे और उनका सम्मान करते थे, लेकिन अब वह उनकी पूजा भी करेंगे।
शिवराज सिंह चौहान के इस बयान को जीतू पटवारी ने तुरंत हमले के तौर पर इस्तेमाल किया। पटवारी ने ट्वीट करते हुए लिखा, “मध्य प्रदेश की सत्ता से बेदखल होने के बाद बीजेपी में अपना ‘अस्तित्व’ बचाने के लिए मोदी-शाह की चापलूसी में मशगूल शिवराज सिंह चौहान जी मध्य प्रदेश की मर्यादा का ख्याल रखें। आप 13 साल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। मध्य प्रदेश की जनता को पहले एहसास था कि मुख्यमंत्री चुना लेकिन क्या पता था कि चापलूस चुना।”
शिवराज सिंह चौहान ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर अपनी खुशी का इजहार किया था। उन्होंने सोमवार को कहा था, “पहले नेता मानता था। उनको (अमित शाह और पीएम मोदी) श्रद्धा की दृष्टि से देखता था, लेकिन उनके इस कदम के कारण अब मैं उनकी पूजा करता हूं।” इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री ने पंडित जवाहरलाल नेहरू को क्रिमिनल कहे जाने पर अपनी बात पर सफाई भी दी। बीजेपी नेता ने कहा था कि उन्होंने शब्दों को तौलकर ही नेहरू को पाक अधिकृत कश्मीर और आर्टिकल 370 के लिए जम्मेदार ठहराया था।
शिवराद के खिलाफ मोर्चा खोले जीतू पटवारी ने एक और ट्वीट किया और इसमें उन्होंने लिखा, “शिवराज जी, आप भाजपा में अपनी साख खत्म होने के डर से उसे बचाने के लिए मोदी-शाह की पूजा तो क्या उनके पैर धोके पानी पियो तो भी हमें कतई आपत्ति नहीं। लेकिन, देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जी पर बार-बार टिप्पणी आपके ‘मानसिक दिवालियापन’ को दर्शा रहा है।”