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मध्यप्रदेश / बिजली कटौती को लेकर सरकार सख्त, कार्रवाई की तैयारी

मुख्यमंत्री की फटकार के बाद स्थिति में कुछ सुधार

लापरवाही बरतने वाले अधिकारी-कर्मचारियों पर की गई थी कार्रवाई

भोपाल. लोकसभा चुनाव के पहले अघोषित बिजली कटौती और लापरवाही बरतने वाले अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ जिस तरह से निलंबन और हटाने की कार्रवाई की गई थी, वैसी ही कार्रवाई फिर करने की तैयारी है।सरकार ने ऊर्जा विभाग के अधिकारियों को साफ तौर चेतावनी दे दी है। मंगलवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा विभागीय अधिकारियों को फटकार लगाने के बाद बुधवार को कटौती के मामलों में कमी आई। ज्यादातर शहरों में फॉल्ट की वजह से बिजली गुल हुई।शाजापुर, आगर, बैतूल आदि क्षेत्रों में सप्लाई ठीक रही। फिर भी कुछ शहरों में बिजली गुल हुई। ग्वालियर दक्षिण से विधायक प्रवीण पाठक ने बताया कि क्षेत्र की हकीकत बताने के बाद बिजली अधिकारी सतर्क हुए पर अब भी उनके क्षेत्र में बिजली गुल हुई।एसीएस के ट्वीट पर जवाब – बिजली चाहिए :ऊर्जा विभाग के एससीएस आईसीपी केसरी ने बुधवार को ट‌्वीट किया कि एमपी में पिछले वर्ष से ज्यादा बिजली सप्लाई हुई है। उन्होंने आंकड़े भी दिए। इसके बाद मंदसाैर विधायक यशपाल सिसाेदिया ने उन्हें जवाब दिया कि समय पर मेंटेनेंस करने दिया जाता तो यह नौबत नहीं आती, पर चुनाव के कारण मेंटेनेंस करने नहीं दिया। वहीं कई यूजर्स ने लिखा कि आंकड़ों से कुछ नहीं होता। अब भी बिजली गुल हो रही है।बुधवार को आती-जाती रही बिजली
उज्जैन : लाइन में फॉल्ट होने से चार घंटे में पांच बार बिजली गई। माकड़ौन में दिनभर गुल।
हरदा : मेंटेनेंस के नाम पर रोज 4 घंटे कटौती।
होशंगाबाद : आधा से एक घंटा कुछ क्षेत्रों में।
नीमच : दोपहर 2 से 4 बजे के बीच 5 बार।
मुरैना : लाइन में फॉल्ट से छौंदा, शिकारपुर और गणेशपुरा में बिजली गुल ।

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