के इलाज के लिए डॉक्टरों ने करीब 20 लाख खर्च बताया था. लेकिन नीरज के परिवार के पास इतनी बड़ी राशि मंगलवार तक नहीं थी. नीरज के पिता के अप्पला नायडू ग्नानपुरम में रहते हैं. वह एक दिहाड़ी मजदूर हैं. नीरज की मां देवी सब्जियां बेचकर घर चलाती हैं.
काफी संघर्ष के बाद नीरज के माता-पिता, भाई और दोस्तों ने कुछ तख्तियां और कुछ प्लेकार्ड बनाए, इस पर उन्होंने नीरज के इलाज के लिए 20 लाख रुपये की मदद की गुहार लगाई. इस मदद के गुहार वाले प्लेकार्ड, पोस्टर आदि को उन्होंने कई पिलर्स चस्पा कर दिया.
हालांकि इससे बात बनी नहीं. लेकिन कुछ वाईएसआरसीपी के नेताओं की नजर इस पर पड़ी. इनमें एक जगन की पार्टी के नेता केके राजू ने नीरज के परिवार वालों को बड़े पोस्टर के साथ एयरपोर्ट पर मदद की गुहार लगाने का तरीका बताया. क्योंकि वहां बड़े लोग आते-जाते रहते हैं. इससे अधिक जरूरी बात की खुद सूबे की मुखिया जगन भी एयरपोर्ट से कई बार गुजरते हैं.
यह तरीका काम आया. क्योंकि जब जगन वहां से गुजर रहे थे तभी उन्होंने करीब 25-30 लोगों को एक बैनर लिए वहां खड़ा देखा. वे लोग कैंसर पीड़ित के लिए मदद मांग रहे थे. इसके बाद इलाज का खर्चा सीएम ने सरकार के हवाले देने को कहा. उन्होंने तत्काल क्षेत्र के कलेक्टर को फोन कर नीरज के इलाज के लिए खर्च उठाने को कहा.
शपथ लेते ही जगन रेड्डी शुरू कर दिया था काम
इससे पहले जगन ने अपने कार्यालय में पहले दिन वृद्धावस्था पेंशन बढ़ाने का आदेश दिया था. शपथ ग्रहण समारोह के बाद रेड्डी ने वृद्धावस्था पेंशन को एक हजार से बढ़ाकर तीन हजार रुपये प्रतिमाह करने की फाइल पर हस्ताक्षर किये.
मुख्यमंत्री ने इस साल 15 अगस्त तक प्रस्तावित ‘ग्राम सचिवालयम्स’ में काम करने के लिये चार लाख ग्राम स्वयंसेवकों (शिक्षित बेरोजगार युवाओं) की नियुक्ति का भी ऐलान किया. रेड्डी ने कहा कि हर स्वयंसेवक को नौकरी मिलने तक प्रतिमाह पांच हजार रुपये मानदेय दिया जाएगा.
कड़क सीएम साबित हो रहे हैं जगन रेड्डी
वही दूसरी ओर अपना कार्यभार संभालने के कुछ ही घंटे बाद एक अप्रैल, 2019 से पूर्व की सभी अनुमोदित की गई ऐसी परियोजनाएं, जिन पर कार्य शुरू नहीं हो सका है, उनको रद्द कर दिया था. उन्होंने गरीबोन्मुख और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस को अपना आदर्श वाक्य बताने वाली वाईएसआरसी सरकार ने यह फैसला ऐसे समय में लिया जबकि नए मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी का अगले महीने के पहले सप्ताह में सरकारी विभागों की समीक्षा करने का कार्यक्रम है.
ये परियोजनाएं तेदेपा सरकार ने मार्च में आमचुनावों के ऐलान से पहले जल्दबाजी में घोषित की थीं और इनकी आधारशिला ही रखी गई थी. रेड्डी ने उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक न्यायिक आयोग के गठन की भी घोषणा की जो इनके अनुबंधों की जांच करेगा.
उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि इस कदम से भोगापुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, रामयापतनम बंदरगाह, कडप्पा इस्पात कारखाना, बंडार बंदरगाह, अमरावती आईकोनिक पुल और मुक्तालय लिफ्ट सिंचाई परियोजना रद्द हो गई हैं। इन परियोजनों की लागत करोड़ों रूपये की है. सूत्रों के अनुसार इसके अलावा राजधानी अमरावती में अनुमोदित कई योजनाएं जांच के दायरे में आ गई हैं।
आंध्र प्रदेश में भारी प्रशासनिक फेरबदल
जगन के मुख्यमंत्री बनने के बाद राज्य प्रशासन के पहले बड़े फेरबदल में सरकार ने मंगलवार रात कई आईएएस और आईपीएस अधिकारियों का तबादला कर दिया. इस फेरबदल में 49 आईएएस और छह आईपीएस का तबादला किया गया.
चंद्रबाबू नायडू के पांच साल के कार्यकाल के दौरान उनके विशेष मुख्य सचिव सतीश चंद्रा सहित विभिन्न प्रमुख पदों पर तैनात आईएएस अधिकारियों को फिलहाल बिना किसी नियुक्ति के रखा गया है. आदित्यनाथ दास जोकि दिवंगत वाई एस राजशेखर रेड्डी के कार्यकाल के दौरान सिंचाई सचिव थे, उन्हें विशेष मुख्य सचिव के रूप में जल संसाधन विभाग में वापस लाया गया है.
जगन ने घोषणा की है कि सिंचाई परियोजनाओं, विशेष रूप से पोलावरम बहुउद्देशीय परियोजना, को समयबद्ध तरीके से पूरा करना उनकी प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक है. आधिकारिक सूत्र ने बताया कि के एस जवाहर रेड्डी को स्वास्थ्य विभाग का प्रधान सचिव बनाया गया है. यह दूसरा मंत्रालय है जोकि नये मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं में शामिल हैं.
विधानसभा चुनावों में मिली थी करारी जीत
इससे पहले 46 साल के जगनमोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव के साथ हुए विधानसभा चुनावों में कुल 175 में से 151 सीटों पर जीत हासिल की थी.
ल्यूकेमिया से पीड़ित था नीरज एयरपोर्ट के बाहर कैंसर के इलाज के लिए मांग रहा था पैसे, आंध्र के CM ने दे दिए 20 लाख!
आंध्र प्रदेश के नव-निर्वाचित मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने एयरपोर्ट पर मदद मांग रहे एक शख्स को 20 लाख रुपये दे दिए हैं. वह व्यक्ति कैंसर से इलाज के लिए एक प्लेकार्ड बनाकर मदद मांग रहा था. द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के अनुसार 15 साल का नीरज के परिवार उम्मीद छोड़ चुका था. नीरज इस वक्त ल्यूकेमिया से पीड़ित हैं. नीरज