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म.प्र कि कमलनाथ सरकार को उनके ही मंत्रियो ने कहा कि विशेष सत्र बुलाकर एक बार बहुमत साबित कर दें

भोपाल (मप्र)। लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद पहली बार मध्य प्रदेश कमलनाथ कैबिनेट की अनौपचारिक बैठक मंत्रालय में रविवार को छुट्टी के दिन हुई। बैठक में मंत्रियों ने एक सुर में मुख्यमंत्री कमलनाथ से कहा कि विशेष सत्र बुलाकर एक बार बहुमत साबित कर दें। ताकि भाजपा का मुंह बंद हो जाए। भाजपा की ओर से लगातार सरकार के गिरने की बात उठाई जा रही है। बैठक में मंत्रियों ने माना कि पार्टी की हार राष्ट्रवाद की लहर के चलते हुई। हमारी कोई भी योजना उसके आगे टिक नहीं पाई।
मंत्रालय में सुबह 11 बजे से शुरू हुई अनौपचारिक कैबिनेट करीब ढाई घंटे चली। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को चुनाव को लेकर अपने-अपने अनुभव रखने की खुली छूट दी। मंत्रियों ने कहा कि हमने वचन पत्र को निभाया। कन्यादान की राशि 25 से बढ़ाकर 51 हजार रुपए की, हजारों करोड़ रुपए की कर्ज माफी, बिजली बिल माफी, युवा स्वाभिमान योजना जैसे कई कदम उठाए, लेकिन चुनाव में यह टिक नहीं पाए। राष्ट्रवाद हावी रहा। भाजपा ने ऐसा ताना-बाना बुना कि मतदाता भ्रमित हो गया। मुद्दों को हम पकड़ भी नहीं पाए। ऐसे में किसी का दोष नहीं ठहराया जा सकता है। इसी दौरान एक मंत्री ने कहा कि तीन मतदान केंद्रों पर भाजपा के एजेंट तक नहीं बैठे। इसके बाद भी यहां हम 60 वोट से हार गए। मतदाताओं में एक तरह का उन्माद था, जो परिणामों में साफ नजर भी आया।
कमलनाथ ने कहा – सरकार को कोई खतरा नहीं
बैठक में सभी मंत्रियों ने एक सुर में मुख्यमंत्री से कहा कि भाजपा बार-बार सरकार गिराने की बात फैलाकर लोगों को भ्रमित कर रही है। इसके लिए विशेष सत्र बुलाएं और बहुमत साबित करके भाजपा का मुंह बंद कर दें। मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को आश्वस्त किया कि सरकार को किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं है। बहुमत हमारे साथ है। बैठक में सरकार के आगामी कार्यक्रमों पर भी चर्चा हुई। पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव ने भ्रष्टाचार में लिप्त व्यक्तियों पर कार्रवाई करने की बात उठाई। उन्होंने कहा कि इसमें किसी प्रकार की ढील नहीं देना चाहिए। ब्यूरोक्रेसी में भी कसावट लाई जाए। सिंहस्थ, व्यापमं सहित जितने भी पुराने मामले हैं, उनकी जांच होनी चाहिए।
किसी ने नहीं निकाली भड़ास, मंत्रिमंडल को लेकर भी चुप्पी
उम्मीद की जा रही थी कि चुनाव में करारी हार मिलने के बाद अनौपचारिक कैबिनेट में मंत्री भड़ास निकालेंगे। आरोप-प्रत्यारोप भी हो सकते हैं पर ऐसा कुछ नहीं हुआ। मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर भी चुप्पी ही रही।

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