स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत संचालित पुस्तकालय के उन्नयन, विस्तार,संचालन के संबंध में कलेक्टर श्री ओमप्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता में शहर के गणमान्य नागरिकों एवं साहित्यकार एवं पुस्कालय के सदस्यगणो की बैठक जिला पुस्तकालय परिसर में कल शाम सम्पन्न हुई। बैठक में पुलिस अधिक्षक श्री सुनील कुमार पाण्डे, जिला शिक्षा अधिकारी श्री परमजीत सिंह गिल सहित नागरिकगणो ने भी पुस्तकालय के बेहतर संचालन हेतु अपने-अपने बहुमूल्य सुझाव दिए।
कलेक्टर श्री श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में कहा कि आज मैं जिस पद पर कार्यरत हूं, उस पद तक पहुंचाने में पुस्तकालय का बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि इस पुस्तकालय में पत्र-पत्रिकाए क्रय की जा सके इसके लिए वे प्रतिमाह दो हजार रुपए की राशि प्रदाय करेंगे। उन्होंने कहा कि जिले में पुस्तक मेले का भी आयोजन किया जाएगा। जिसमें स्थानीय प्रकाशकों और लेखको की पुस्तके भी मेले में रखी जाएगी। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि लाइब्रेरी का सभी वर्ग लाभ ले सके इसके लिए लाइब्रेरी में बालखण्ड, अध्यात्मिक और महिला खण्ड अलग-अलग विकसित किए जाएगें। उन्होंने बताया कि पुस्तकालय भवन में जो आवश्यक मरम्मत कार्य एवं प्रकाश की व्यवस्थ्या भी सात दिन के अंदर लोक निर्माण विभाग द्वारा करार्इ जाएगी। जिला पुस्तकालय के भवन हेतु 13 लाख का प्राक्कलन हेतु शासन को भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि जिला पुस्तकालय का क्रियान्वयन बेहतर तरीके से और सुव्यवस्थित हो इसके लिए कमेटी का भी गठन किया जाएगा। ग्रंथालय में ही साहित्य गोष्ठियां भी आयोजित की जाएगी। इन साहित्य गोष्ठियों में नई प्रतिभा के रूप में बच्चों को आगे लाया जाएगा ।
पर्यटन समिति भी देगी पर्यटन से संबंधित पांच हजार रूपए तक की पुस्तकें
कलेक्टर श्री श्रीवास्तव ने कहा कि पर्यटन से जुड़ी पांच हजार रूपए तक की पुस्तकें जिला पर्यटन एवं संवर्धन समिति द्वारा पुस्तकालय को दी जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसे लेखक या साहित्यकार जो अपनी रचनाओं से संबंधित पुस्तके पुस्तकालय को दान करेंगे। उन दानदाताओं के नाम भी पुस्तकालय में उल्लेखित किए जाएगें।
श्री श्रीवास्तव ने कहा कि हमें अपनी लाइब्रेरी को आधुनिक करने हेतु इस एक साफ्टवेयर तैयार किया जाएगा। जिसमें पुस्तकालय में उपलब्ध पुस्तको को अपलोड किया जाएगा। जिसे ऑनलाइन घर बैठकर भी अपनी रूचि के अनुसार पुस्तके देखी जा सकेंगी। इस पुस्तकालय को कम्प्यूटर के माध्यम से ही जिले में स्थित अन्य पुस्तकालय से भी जोड़ा जाएगा।
कलेक्टर श्री श्रीवास्तव ने बताया कि देश में प्रतिवर्ष 10 हजार से अधिक हिन्दी की पुस्तके प्रकाशित होती है। जो स्टेशन, बस स्टेण्ड, बुक स्टॉलो एवं लाइब्रेरी में पाठकगण इन पुस्तकों का लाभ लेते है। इन पुस्तकों का प्रकाशन इस बात का प्रतीक है कि देश में हिन्दी पुस्तको के प्रति पाठकों का रूझान बढ़ा है। कार्यक्रम को पुलिस अधीक्षक श्री सुनील पाण्डे ने पुस्तकालय के लिए जिला प्रशासन सहित शहर के गणमान्य नागरिकों एवं साहित्यकारों द्वारा जो सहयोग की बात की है वह एक सराहनीय कदम है। उन्होंने कहा कि पुस्तकालय के बेहतर क्रियान्वयन के लिए जो सुझाव प्राप्त हुए है। उनका अमल कर पुस्तकालय को बेहतर एवं आधुनिक पुस्तकालय बनाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि हमें पुस्तकालय को गुणवत्ता के स्थान पर जरनलाईज करें और सभी विषयों एवं क्षेत्र से संबंधित, विशेषकर बच्चों की रूचि के अनुसार भी पुस्तकें पुस्तकालयों में रखी जाए। उन्होंने कहा कि पुस्तकालय के संचालन का स्टूडेंट एवं पाठकों के माध्मय से जो बीड़ा उठाया है, वह अनुकणीय पहल है।
श्री भार्गव देंगे दो हजार का बाल-साहित्य
बैठक में वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार श्री प्रमोद भार्गव ने कहा कि पुस्तकालय में साहित्य, संस्कृति,विज्ञान एवं प्रतियोगी परिक्षाओं से जुड़ी पुस्तके हो। जिससे इन पुस्तको से मनोरंजन ही नहीं ज्ञानवर्धन भी होगा। श्री भार्गव ने इस दौरान कहा कि जिला पुस्तकालय को दो हजार रूपए की बाल साहित्य की पुस्तके प्रदाय करेंगे। लेखक श्री जाहिद खांन ने कहा कि यह पहली बार किसी कलेक्टर ने जिला पुस्तकालय पर ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि पुस्तको से जहां ज्ञानवर्धन होता है वहीं वे हमें संस्कारवान बनाती है। श्री भूपेन्द्र विकल ने कहा कि पुस्तकालय में अन्य विषयों के साथ-साथ आध्यात्मिक पुस्तकें भी हो, ये पुस्तके जीवन में एक दिशा देती है। डॉ.लखनलाल खरे ने कहा कि साहित्यकार अपनी-अपनी एक-एक कृतियां पुस्तकालय को दान दें।
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