उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बड़े नोट बंद किये जाने के फैसले पर कहा कि इस समय देश का मिजाज बदल रहा है ।/ एक फैसले ने आंतकवाद की आधी कमर तोड़ दी है, क्योंकि पाकिस्तान पोषित आंतकवाद नकली करेंसी के दम पर पैर फैला रहा था।
श्री पवैया एक निजी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में मेडिकल कॉलेज के छात्रों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश के आम लोग थोड़े समय की कठिनाई के बाद भी इस क्रांतिकारी फैसले का स्वागत कर रहे हैं।
उनके अनुसार चिकित्सा ऐसा पेशा है जिसमें यहीं लोक और परलोक दोनों सुधारे जा सकते हैं।शिक्षा ग्रहण करने के बाद जब युवा शपथ और संकल्प लेकर राष्ट्र के लिये समर्पित होता है उसे ही दीक्षा कहा जाता है। उन्होंने उपाधि लेने वाले छात्रों से अपील की कि एक सप्ताह में कुछ घंटे उन गरीब मरीजों के लिये निकाले जो पैसे के अभाव में प्रायवेट नर्सिंग होम की सीढ़ी भी चढ़ने से घबराते हैं।
उन्होंने कहा कि लोग यह समझते हैं कि अंग्रेजी मानसिकता बड़ा बनाती है लेकिन सच यह है कि हिन्दुस्तान आज भी विकसित राष्ट्र बनने के लिये प्रयास कर रहा है। इसके पीछे हमारा विदेशी मानसिकता से उबर नहीं पाना ही कारण रहा है।
श्री जयभान सिंह पवैया ने दीक्षांत समारोह में परम्परागत रूप से स्वयं गाउन नहीं पहनने का कारण बताते हुए कहा कि अंग्रेज गुलामी की निशानी छोड़ गये और हम उसे 70 साल से ढो रहे हैं। इससे छात्रों में राष्ट्र के प्रति अभिमान का भाव कम होता है।
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