इंदौर -शहर में स्टार्टअप को बढ़ाने के लिए लोगों को साथ लाने की जरूरत है। इससे इन्क्यूबेशन सेंटर बनेंगे, जो विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। स्टार्टअप को बढ़ाने के लिए समूह बनाने चाहिए, ताकि नए आइडिया सामने आएं और उन पर काम कर सतत विकास की प्रक्रिया विकसित की जाए।
इसके लिए इको सिस्टम बनाया जाए। यह कहना है लंदन के डिप्टी मेयर फॉर बिजनेस राजेश अग्रवाल का। रविवार को सीआईआई के कार्यक्रम में उन्होंने बिजनेस को लेकर भारत-यूके के बीच सहयोग, स्टार्टअप के लिए जरूरी तत्वों पर बात की। बता दें कि शहर में पिछले तीन सालों में करीब 500 स्टार्टअप शुरू हुए हैं।
अग्रवाल ने कहा कि स्टार्टअप में नए इनोवेशन होते हैं, जबकि कॉरपोरेट में इनोवेशन नहीं होते। इसलिए जरूरी है कि दोनों को संभालने वाले लोग एक साथ आएं और काम करें। सरकार को चाहिए कि इसे विकसित करने के लिए समूह बनाए और इसके जरिए लोगों को जोड़े, जिससे विकास की नई परिभाषा लिखी जा सके। जब नए इनोवेशन होंगे और वह क्रियान्वित होंगे, तो विकास होगा। मध्यप्रदेश सरकार ने स्टार्टअप के लिए हजारों करोड़ स्र्पये निवेश किए हैं। यह अच्छी शुरुआत है।
आईई-20 पर हो रहा है काम
अग्रवाल ने बताया कि वह आईई-20 (इंडिया इमरजिंग-20) पर एक कंपनी लंदन इन पार्टनर्स के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इस योजना के तहत भारत की 20 कंपनियों को लंदन में बिजनेस सेटअप करने में पूरा सहयोग किया जाएगा। इसके लिए कोई भी कंपनी एप्लाई कर सकती है। अगर वह योजना के लिए जरूरी शर्तों को पूरा करती है, तो उसे चयनित किया जा सकता है।
ट्रांसपोर्ट सिस्टम के विकास में सहयोग कर सकता है यूके
राजेश ने कहा कि अगर शहर में ट्रांसपोर्ट सिस्टम बेहतर करने के लिए कोई योजना या प्रोजेक्ट शुरू किया जाता है, तो यूके सरकार उसमें सहयोग कर सकती है। लंदन का ट्रांसपोर्ट सिस्टम दुनिया में सबसे अच्छा है। वहां इसे लेकर कई तरह की योजनाएं भी चलती हैं, जिनका फायदा भारत को मिल सकता है। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
यूके की वीजा पॉलिसी को बनाया जा रहा उदार
यूके का वीजा हासिल करने के लिए कठिन नियमों की वजह से वहां भारत से जाने वाले छात्रों की संख्या घटने के सवाल पर अग्रवाल ने कहा कि यूके सरकार वीजा पॉलिसी को उदार बनाने के प्रयास कर रही है। पहले के मुकाबले इनमें कुछ छूट दी गई है, क्योंकि विदेश से आने वाले छात्र किसी भी देश के विकास के लिए जरूरी होते हैं। लंदन फाइनेंशियल हब होने के साथ ही टूरिज्म और एजुकेशनल हब भी है। हम इसे ध्यान में रखते हुए काम कर रहे हैं।