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मध्‍यप्रदेश विधानसभा में हुए शक्ति परीक्षण को चुनौती देगी भाजपा

भोपाल। विधानसभा में संशोधन विधेयक पर अचानक मत विभाजन के जरिए कमलनाथ सरकार के शक्ति परीक्षण को भाजपा चुनौती देगी। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि हम इस संबंध में संविधान विशेषज्ञों से राय-मशविरा कर रहे हैं। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा को इस मामले में अध्ययन कर उचित फोरम पर चर्चा करने की जवाबदारी सौंपी गई है। डॉ.शर्मा भी इस पूरी कार्रवाई को विधानसभा के फ्लोर का दुरुपयोग मानते हैं।
राजभवन में राज्यपाल के शपथ समारोह के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए नेता प्रतिपक्ष भार्गव ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बहुमत ही साबित करना था तो कर्नाटक विधानसभा की तर्ज पर भौतिक रूप से गणना की जानी चाहिए थी। भार्गव ने यह भी बताया कि भाजपा ने तो मत विभाजन मांगा भी नहीं था बल्कि विधेयक का समर्थन किया था। यही कारण है कि भाजपा ने अपने सदस्यों के लिए व्हिप भी जारी नहीं किया था।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीतासरन शर्मा  से हुई चर्चा में कहा कि उस दिन विधानसभा में गलत हुआ। यह विधानसभा के फ्लोर का दुरुपयोग है, सरकार अल्पमत की है यह बात सभी जानते हैं। बहुमत सिद्ध करने विधेयक को बहाना बनाकर समर्थक दल से मत विभाजन की मांग कराना उचित नहीं कहा जा सकता।

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