केंद्रीय नेतृत्व ने इस पर प्रदेश नेतृत्व से रिपोर्ट मांगी है और प्रमुख नेताओं के साथ वह विचार विमर्श भी कर रहा है। भाजपा ने इस पर पलटवार के संकेत दिए हैं, लेकिन वह इसके लिए उचित समय का इंतजार करेगी। भाजपा नेतृत्व इसका कारण प्रदेश के पार्टी नेताओं के बीच समन्वय न होना मान रही है।
प्रदेश के तीन बड़े नेताओं शिवराज सिंह चौहान, कैलाश विजयवर्गीय व नरेंद्र सिंह तोमर के केंद्रीय राजनीति में आने के बाद नए प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव और नरोत्तम मिश्रा के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। सूत्रों के अनुसार इस घटना के लिए प्रदेश के नेता एक दूसरे को जिम्मेदार बता रहे हैं।
भाजपा में ही हैं दोनों विधायक : दो विधायकों का पालाबदल करा कांग्रेस ने अपनी मजबूती की कोशिश की है। भाजपा के एक नेता ने कहा है कि चूंकि दोनों विधायकों ने व्हिप का उल्लंघन नहीं किया है और उन्होंने इस्तीफा दिया है, इसलिए वे भाजपा में ही है।.
शिवराज सरकार के समय आए थे भाजपा में : विधानसभा में एक विधेयक पर मतदान के दौरान भाजपा के नारायण त्रिपाठी व शरद कौल ने सरकार के पक्ष में मतदान किया था। चूंकि इस विधेयक पर किसी का विरोध नहीं था, इसलिए भाजपा ने मतदान में भाग नहीं लिया। उसने व्हिप भी जारी नहीं किया था। यह दोनों विधायक भाजपा की शिवराज सिंह चौहान की सरकार के समय भाजपा में आए थे। इनको लाने में शिवराज सिंह की अहम भूमिका रही थी। .
मध्य प्रदेश: पालाबदल पर भाजपा नेतृत्व गंभीर, पलटवार के संकेत
मध्य प्रदेश में कांग्रेस द्वारा भाजपा के दो विधायकों को तोड़ने की घटना से भाजपा नेतृत्व सकते में हैं। पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा है कि यह मामला उनके ध्यान में हैं और इसे गंभीरता से लिया गया है।