दुकान और स्थापना अधिनियम 1958 के प्रावधानों के तहत अभी व्यापारियों को हर 5 साल में लाइसेंस का नवीनीकरण कराना होता है।
भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने गुमास्ता कानून में बड़ा संशोधन किया है। इसके तहत अब व्यापारियों, स्थापनाओं और स्टार्ट-अप को गुमास्ता लाइसेंस का नवीनीकरण हर साल नहीं कराना होगा। सरकार ने लाइसेंस नवीनीकरण की अनिवार्यता को समाप्त करने का फैसला किया है। सरकार के इस फैसले से 10 लाख से ज्यादा छोटे व्यापारियों और दुकानदारों को लाभ होगा।
प्रदेश के श्रम मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने इस बारे में औपचारिक ऐलान करते हुए बताया कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत गुमास्ता कानून के तहत लाइसेंस में नवीनीकरण की अनिवार्यता समाप्त करने का फैसला किया गया है। एक हफ्ते में नए प्रावधान लागू हो जाएंगे। गुमास्ता कानून के तहत व्यापारिक लाइसेंस के नवीनीकरण की अनिवार्यता समाप्त होने से व्यापारियों को श्रम विभाग के चक्कर और नवीनीकरण की ऑनलाइन प्रक्रिया में आने वाली भारी परेशानी से छुटकारा मिलेगा। दुकान और स्थापना अधिनियम 1958 के प्रावधानों के तहत अभी व्यापारियों को हर 5 साल में लाइसेंस का नवीनीकरण कराना होता है।
कानून में किए गए संशोधन के तहत अब लाइसेंस नवीनीकरण के लिए जो भी मामले आएंगे उन्हें लाइफ टाइम लाइसेंस मिलेगा। दुकानदारों और स्थापनाओं को पूरे व्यवसाय अवधि में एक बार ऑनलाइन पंजीयन कराना होगा। हालांकि सरकार ने पंजीयन की विभिन्न श्रेणियों को समाप्त करते हुए केवल दो श्रेणियों तक सीमित कर दिया है।
